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राज्यसभा सांसद स्वपन दासगुप्ता ने दिया इस्तीफा, ये था मामला

राज्यसभा सांसद स्वपन दासगुप्ता का इस्तीफा

राज्यसभा सांसद स्वपन दासगुप्ता का इस्तीफा

नई दिल्ली। राज्यसभा से मनोनीत सदस्य स्वपन दासगुप्ता ने राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया है। इसकी वजह भाजपा ने हुगली जिले के तारकेश्वर विधानसभा सीट से उन्हें उम्मीदवार बनाया जाना बताया जा रहा है। टीएमसी और कांग्रेस के विरोध जताने के बाद राज्यसभा से मनोनीत सदस्य स्वपन दासगुप्ता ने राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया है। बता दें कि भाजपा ने हुगली जिले के तारकेश्वर विधानसभा सीट से उन्हें चुनाव लड़ने के लिए टिकट दिया था, जिस पर टीएमसी और कांग्रेस ने सवाल खड़े किए थे।

भाजपा ने रविवार को 26 और उम्मीदवारों की सूची जारी की थी, जिसमें स्वपन दासगुप्ता का नाम भी था। इसके बाद टीएमसी स्वपन दासगुप्ता की राज्यसभा सदस्यता खत्म करने के लिए विशेष प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रही थी। टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने इस मुद्दे पर ट्वीट कर विरोध जताया।

महुआ मोइत्रा ने संविधान की 10वीं अनुसूची का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए लिखा था कि भाजपा की ओर से स्वपन दासगुप्ता को उम्मीदवार के तौर पर उतारा गया है। संविधान की 10वीं अनुसूची कहती है कि अगर कोई राज्यसभा का मनोनीत सदस्य शपथ लेने और उसके छह महीने की अवधि खत्म होने के बाद अगर किसी भी राजनैतिक पार्टी में शामिल होता है तो उसे राज्यसभा की सदस्यता के लिए अघोषित कर दिया जाएगा।

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इधर, कांग्रेस ने भी स्वपन दासगुप्ता के चुनाव लड़ने पर सवाल उठाया। सभापति वेंकैया नायडु को लिखे पत्र में कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बताया कि दासगुप्ता ने चुनाव लड़ने से पहले न तो सदन से इस्तीफा दिया है और न ही न ही वे किसी पार्टी में शामिल हुए हैं।

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने वेंकैया नायडु से सवाल किया और पूछा कि क्या कोई राज्यसभा का सदस्य जो नामित होने के छह महीने बाद भी औपचारिक तौर पर किसी राजनैतिक पार्टी से ना जुड़ा हो और बिना राजनीतिक पार्टी के नामित सदस्य के तौर पर काम कर रहा हो, क्या बिना इस्तीफा दिए लोकसभा या विधानसभा का चुनाव लड़ सकता है?

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