Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

रक्षाबंधन आज, इस शुभ मुहूर्त में बांधे राखी

Raksha Bandhan

Raksha Bandhan

भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का प्रतीक रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) का त्योहार कल बड़े धूमधाम से मनाया जाएगा। इस दिन बहनें भाई की कलाई पर राखी बांधकर उनके सुख, समृद्धि और दीर्घायु की कामना करती हैं, वहीं भाई जीवनभर बहन की रक्षा का वचन देते हैं। इस बार रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) पर विशेष शुभ संयोग बन रहा है, जिसमें राखी बांधने से दोगुना शुभ फल प्राप्त होगा। आइए जानते हैं इस पर्व का शुभ मुहूर्त, महत्व और राखी बांधने की सही विधि।

राखी बांधने का शुभ मुहूर्त

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, भद्रा काल में राखी बांधना अशुभ माना जाता है। इस बार अच्छी बात यह है कि भद्रा काल सूर्योदय से पहले ही समाप्त हो रहा है, इसलिए आप पूरे दिन राखी बांध सकते हैं। लेकिन फिर भी राखी बांधने के लिए कुछ विशेष शुभ मुहूर्त इस प्रकार हैं।

अमृत काल: सुबह 6:00 बजे से 7:30 बजे तक
शुभ चौघड़िया: दोपहर 12:00 बजे से 1:30 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:00 बजे से 12:50 बजे तक
ये भी पढ़ें : रक्षाबंधन के बाद राखी कितने दिन तक पहननी चाहिए? जानिए धार्मिक नियम और परंपरा

राखी बांधने की सही विधि

सबसे पहले पूजा की थाली तैयार करें: उस थाली में राखी, रोली (कुमकुम), अक्षत (चावल), मिठाई और एक दीपक रखें। आप चाहें तो थाली को फूलों से सजा सकते हैं।

सही दिशा में बैठें: भाई को पूर्व दिशा की ओर मुंह करके बिठाएं। इस दिशा को बहुत शुभ माना जाता है।

तिलक लगाएं: बहन सबसे पहले भाई के माथे पर रोली और अक्षत का तिलक लगाएं। यह शुभता का प्रतीक है।

आरती करें: अब दीपक जलाकर भाई की आरती उतारें और भगवान से उनकी लंबी उम्र की प्रार्थना करें।

राखी बांधें: भाई के दाहिने हाथ की कलाई पर राखी बांधें।

मिठाई खिलाएं: राखी बांधने के बाद भाई को मिठाई खिलाएं और उनका आशीर्वाद लें। इसके बाद भाई भी अपनी बहन को उपहार दें और उनकी रक्षा का वचन लें।

रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) का महत्व

रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि भाई-बहन के स्नेह, विश्वास और एक-दूसरे की सुरक्षा के वचन का पर्व है। प्राचीन काल से यह परंपरा चली आ रही है कि इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधकर उनकी लंबी उम्र, सुख और समृद्धि की कामना करती हैं।

बदले में, भाई अपनी बहन की रक्षा करने का वचन देता है और उन्हें तोहफा देता है। यह पर्व दिखाता है कि यह रिश्ता कितना पवित्र और मजबूत होता है, जहां एक-दूसरे के प्रति प्रेम, सम्मान और समर्पण होता है।

Exit mobile version