अयोध्या। रामनगरी में रामलला (Ram Lala) की प्राण प्रतिष्ठा का पूरा कार्यक्रम 7 दिन का होगा, जिसके आखिरी दिन पीएम नरेंद्र मोदी पूजा अर्चना कर मंदिर को देशवासियों को समर्पित करेंगे। प्रधानमंत्री प्राण प्रतिष्ठा के दिन देशवासियों के नाम छोटा सा संबोधन भी करेंगे। पीएम के संबोधन से पहले संघ प्रमुख मोहन भागवत, महंत नृत्य गोपाल दास और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ भी वहां मौजूद लोगों को संबोधित करेंगे। रामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र के सूत्रों के मुताबिक प्राण प्रतिष्ठा के दिन अयोध्या में कोई पब्लिक मीटिंग आयोजित नहीं होगी। वैसे तो 16 से 24 जनवरी के बीच अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा होना तय है मगर तिथि पर अंतिम निर्णय प्रधानमंत्री के समय की उपलब्धता के हिसाब से तय होगा।
प्राण प्रतिष्ठा आयोजन के दिन आरएसएस के सभी 36 संगठन के लोग मौजूद रहेंगे। संघ संघचालक समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहेंगे। इसके साथ ही बीजेपी के अलावा अन्य दूसरे दलों के लोगों को भी बुलाने पर चर्चा की जा रही है, लेकिन गैर बीजेपी राजनीतिक दलों से उन्हीं नेताओं को आमंत्रित किया जायेगा जिनके कार्यक्रम में आने की पूरी गारंटी होगी।
राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र सूत्रों के मुताबिक प्राण प्रतिष्ठा मंदिर परिसर में ही होगा जहां कोई मंच नहीं बनेगा और ना ही कोई मेज रखा जाएगा। मंच में महज गणमान्य लोगों की सीमित कुर्सियां रखी जाएगी। प्राण प्रतिष्ठा के दिन सीमित लोगों को ही आमंत्रित किया जाएगा। 5000 के आसपास कुल आमंत्रित सदस्य हो सकते हैं। प्राण प्रतिष्ठा के दिन और एक महीने तक रामलला के दर्शनभिलाषियों की भीड़ को कंट्रोल करना एक बड़ी चुनौती होगी। इसके लिए 26 जनवरी के बाद राज्यवार लोगों के लिए तिथि अलॉटमेंट किया जाएगा। दिए हुए तिथि के हिसाब से देश के अलग अलग राज्यों के लोग अयोध्या पहुंच रामलला का दर्शन कर सकेंगे।
भारी भीड़ जुटने की संभावना
रामलला (Ram Lala) के दर्शन के लिए दक्षिण भारत के राज्यों से आने श्रद्धालुओं को फरवरी में तिथि अलॉट किया जाएगा वहीं पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश,जम्मू कश्मीर, लद्दाख और उत्तराखंड जैसे राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए जनवरी के आखिर में तारीख मुकर्रर किया जाएगा। रामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र को भरोसा है की करीब एक महीने तक यानि करीब 20 फरवरी तक दर्शनार्थियों के अत्यधिक भीड़ का दबाव रहेगा। उसके बाद श्रद्धालुओं की संख्या सामान्य हो जाएगी।
3000 मंदिर में भंडारा चालाने की अपील
प्राण प्रतिष्ठा की तिथि से लेकर अगले एक महीने तक श्रद्धालुओं के खाने पीने की कोई दिक्कत ना हो इसके लिए 10 से 15 जगह निशुल्क भोजन की व्यवस्था की जाएगी। अयोध्या के सभी 3000 मंदिर में भंडारा चलाने की अपील रामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र करेगा। इन सभी श्रद्धालुओं को रात्रि विश्राम और सोने के लिए समुचित छत का इंतजाम भी किया जाएगा।
श्रद्धालुओं को पूरे अयोध्या और फैजाबाद के हरेक चौक चौराहे से प्राण प्रतिष्ठा को दिखाने के लिए नगर निगम द्वारा बड़े बड़े जायंट स्क्रीन पूरे शहर में लगाया जाएगा। इसके साथ समूचे देश के करीब 5 लाख मंदिरों में भी स्क्रीन लगेगा जिससे प्राण प्रतिष्ठा का भव्य और ऐतिहासिक कार्यक्रम गांव गांव, गली गली में देखा जा सके। प्राण प्रतिष्ठा को आम आदमी से जोड़ने के लिए रामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र लोगों से अपील करेगा कि हरेक सनातनी अपने अपने घर के बाहर चौखट पर कम से कम 5 दीपक जलाए।
साइंटिफिक और आध्यात्मिक महत्व का भी पूरा ख्याल
राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय का कहना है कि गर्भगृह में भगवान राम की मूर्ति की स्थापना का काम सीबीआरआई के देखरेख में की जा रही है जिसको साइंटिफिक और आध्यात्मिक महत्व के हिसाब से बनाया और स्थापित किया जाएगा। चंपत राय ने बताया कि भगवान राम की मूर्ति की पैर की उंगलियों से लेकर मस्तक तक ऊंचाई 51 इंच रखा गया है जो सिर और बाल की सजावट के बाद करीब 55 सेंटी मीटर होगा।
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भगवान राम की मूर्ति के नीचे के फाउंडेशन से लेकर सिर तक की कुल ऊंचाई 8 फूट 7 इंच का यानी कुल 103 इंच की ऊंचाई होगी। जमीन से लेकर भगवान राम के सिर की ऊंचाई तक संरचना सीबीआरआइ इस ढंग से निर्मित कर रहा है जिससे राम नवमी के दिन सूर्य की किरण सीधे भगवान के मस्तक पर आए। मूर्ति की बनावट इस ढंग से की जा रही भगवान राम का चेहरा 5 वर्ष के बालक के समान दिखेगा।