अयोध्या। अयोध्या में 5 अगस्त को राम मंदिर भूमि पूजन का कार्यक्रम पूरे देश में लाइव देखा जा सकेगा। दूरदर्शन से लेकर तमाम चैनल इसका सीधा प्रसारण करेंगे। यह आयोजन कुछ-कुछ अमेरिका के हृयूस्टन में सितंबर 2019 हुए ‘हाउडी मोदी’ के कार्यक्रम की तरह होगा।
कोविड-19 संकट के बीच खर्च में सतर्कता बरत रहे हैं उपभोक्ता
वहीं चर्चा है कि भाजपा के वयोवृद्ध नेता लालकृष्ण आडवाणी भी भूमि पूजन के दौरान उपस्थित रहेंगे। बुधवार रात केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आडवाणी के घर जाकर उनके आधे घंटे तक मुलाकात की। इसके बाद से अटकलें लगाई जा रही है कि आडवाणी भी 5 अगस्त को अयोध्या जा सकते हैं।
दुनिया के सबसे भव्य इन 5 मंदिरों में होगी अयोध्या राम मंदिर की गिनती
अयोध्या में प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर की तैयारियों युद्ध स्तर पर शुरू हो गई हैं। 5 अगस्त की तारीख भूमि पूजन के लिए तय की जा चुकी है। 3 अगस्त से ही विशेष पूजा-अनुष्ठा शुरू हो जाएगा। इस बीच, भगवान श्रीराम के इस मंदिर में सबसे भव्य बनाने की योजना है। देश-दुनिया के चुनिंदा मंदिरों में कंबोडिया के अंकोरवाट का मंदिर, दक्षिण भारत के तंजावुर में स्थित वृहदेश्वर मंदिर, ओडिशा का जगन्नाथ मंदिर, मदुरै का मीनाक्षी मंदिर तिरुचिपल्ली का रंगनाथ मंदिर, कोणार्क का सूर्य मंदिर आदि प्रमुख है। कहा जा रहा है कि अब भव्य मंदिरों की इस सूची में रामजन्मभूमि पर बनने वाला मंदिर शुमार होगा।
बिहार के मंदिरों और नदियों के रजकण से बनेगा राम मंदिर
अयोध्या में प्रस्तावित राम मंदिर के निर्माण में बिहार की नदियों का जल और मंदिरों की मिट्टी का भी इस्तेमाल होगा। विश्व हिंदू परिषद ने इसे रजकण की संज्ञा दी है। उसकी प्रांतीय इकाई अयोध्या में भूमि-पूजन के लिए बिहार की प्रमुख नदियों का जल डाक से भेजने की व्यवस्था कर रही। इसके साथ ही गया से सवा किलो चांदी की ईंट और प्रमुख मंदिरों की मिट्टी भी भेजने की तैयारी है।
प्रस्तावित मंदिर के आकार में वृद्धि की घोषणा के बाद आया अंतर
- पूर्व में मंदिर 37 हजार पांच सौ वर्ग फीट में बनना था।
- अब इसका निर्माण 76 से 84 हजार वर्ग फीट यानी करीब दो एकड़ क्षेत्र में होगा।
- ऊंचाई भी 128 फीट से बढ़कर 161 फीट हो गई है।
- निर्माण में जहां पौने दो लाख घन फीट पत्थर प्रयुक्त होना था।
- अब तीन लाख घन फीट पत्थर प्रयुक्त होने का अनुमान है।
- मंदिर दो तल का था और उसमें प्रत्येक तल पर 106 के हिसाब से 212 स्तंभ लगने थे।
- अब मंदिर तीन तल का होगा तथा इसमें 318 स्तंभ लगेंगे। सभी स्तंभों पर 16 यक्ष-यक्षिणियों की मूर्तियां उत्कीर्ण होंगी।
- पूर्व में तीन शिखर प्रस्तावित थे, अब अब पांच शिखर बनाए जाने हैं।
- मंदिर निर्माण के लिए राजस्थान के लाल बलुआ पत्थर से अग्रभाग, रंगमंडप, नृत्यमंडप, गर्भगृह एवं शिखर के रूप में कुल पांच प्रखंड हैं।