अयोध्या। श्रीराम जन्मभूमि में राममंदिर (Ram mandir) निर्माण का काम जोरों पर चल रहा है। राममंदिर के नींव के दूसरे चरण के अंतर्गत अभी राममंदिर के चबूतरे (प्लिंथ) का निर्माण संचालित है। नींव के ऊपर 21 फीट ऊंचे चबूतरे का निर्माण सात लेयर में होना है। चबूतरा अब तक छह फीट ऊंचा बन चुका है, दो लेयर ढाली जा चुकी है। जबकि अब तीसरी लेयर ढालने का काम चल रहा है। चबूतरे का निर्माण कार्य जून तक पूरा करने का लक्ष्य है। काम में तेजी लाने के लिए ट्रस्ट ने मजदूरों व मशीनों की संख्या बढ़ा दी है।
राममंदिर की 50 फीट गहरी नींव के ऊपर सबसे पहले ढाई मीटर की रॉफ्ट ढाली गई थी। अब इस रॉफ्ट के ऊपर 21 फीट ऊंचा चबूतरा बनाया जा रहा है। इसे चबूतरे पर राममंदिर का गर्भगृह का आकार लेगा। चबूतरा सात लेयर में बनाया जाना है अब तक दो लेयर का काम पूरा हो चुका है। चबूतरे पर ग्रेनाइट के पत्थरों की लेयर बिछाई जा रही है। यह पत्थर पानी के रिसाव को सोखने में सक्षम होते हैं साथ ही मजबूत भी होते हैं। ऐसे में इन पत्थरों की सात लेयर राफ्ट के ऊपर ढाली जानी है।
अब तक छह फीट ऊंची लेयर ढाली जा चुकी है। एक लेयर तीन फीट ऊंची है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने काम में तेजी लाने के लिए मजदूरों व मशीनों की संख्या बढ़ा दी है। पत्थरों को उठाकर रखने में चार टॉवर क्रेन का इस्तेमाल किया जा रहा है। ट्रस्ट का कहना है कि जून माह तक प्लिंथ निर्माण का काम पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद गर्भगृह को आकार देने का काम शुरू होगा।
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ऐसे में जुलाई माह से गर्भगृह को आकार देने का काम शुरू हो सकता है। गर्भगृह राजस्थान के वंशीपहाड़पुर के पत्थरों से बनेगा। गर्भगृह के लिए वंशीपहाड़पुर से पत्थरों की आपूर्ति भी शुरू हो चुकी है। अब तक 10 ट्रक पत्थर यानि की करीब 20 हजार घनफुट पत्थर आ चुके हैं, आपूर्ति का क्रम लगातार जारी है।
जून-जुलाई से मानसून का महीना शुरू हो जाएगा। ऐसे में राममंदिर के पश्चिम दिशा से शुरू हुआ रिटेनिंग वॉल निर्माण का काम भी बरसात से पहले पूर्ण करने का लक्ष्य है। राममंदिर को प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षित रखने के लिए 12 मीटर गहरी रिटेनिंग वॉल बनाई जा रही है। यह वॉल मंदिर के पश्चिम, दक्षिण व पूर्व दिशा में बनेगी। अभी पश्चिम दिशा में काम चल रहा है जो कि पूरा होने वाला है।