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एक बार फिर जेल से बाहर आया राम रहीम, इतने दिनों की मिली फरलो

चंडीगढ़। हरियाणा में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान 25 अगस्त के बाद होने की संभावना है। इसी बीच हत्या और बलात्कार का दोषी डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम (Ram Rahim) एक बार फिर जेल से बाहर आ गया है। राम रहीम को 21 दिन की फरलो (Furlough) मिली है, जिसके बाद वह मंगलवार को सुनारिया जेल से बाहर आ गया।

हरियाणा की सुनारिया जेल (Sunariya Jail) से गुरमीत राम रहीम (Ram Rahim) को मंगलवार सुबह लगभग 6.30 बजे पुलिस सुरक्षा में रिहा किया गया। वह फरलो की अवधि उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में बरनावा आश्रम में बिताएगा। राम रहीम अपनी दो अनुयायियों से बलात्कार के मामले में 20 साल की सजा काट रहा है और रोहतक जिले की सुनारिया जेल में बंद है। उसे 19 जनवरी को 50 दिन की पैरोल दी गई थी।

राम रहीम इससे पहले छह बार पहले भी फरलो पर जेल से बाहर आ चुका हैं। उसके जेल से बाहर आने की घटना को हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 (Haryana Assembly Elections 2024) से जोड़कर भी देखा जा रहा है। राम रहीम ने जून 2024 में एक बार फिर फरलो की मांग की थी। उसने 21 दिन की फरलो के लिए पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

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इससे पहले फरवरी में हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार से कहा था कि वह डेरा सच्चा सौदा प्रमुख को उसकी अनुमति के बिना आगे पैरोल न दे। उस समय हाईकोर्ट शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति की याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख को अस्थायी रिहाई दिए जाने को चुनौती दी थी।

मामले की सुनवाई के दौरान हरियाणा सरकार ने हाईकोर्ट में सफाई दी थी कि सिर्फ राम रहीम (Ram Rahim)  ही नहीं बल्कि हत्या और बलात्कार जैसे मामलों में सजा काट रहे 80 से अधिक कैदियों को इसी तरह से नियमों के मुताबिक पैरोल या फरलों की सुविधा का लाभ दिया गया है।

क्या है फरलो?

फरलो एक तरह से छुट्टी की तरह होती है, जिसमें कैदी को कुछ दिन के लिए रिहा किया जाता है। फरलो की अवधि को कैदी की सजा में छूट और उसके अधिकार के तौर पर देखा जाता है। कैदी को जेल में कुछ वर्ष बिताने के पश्चात जेल मे उसके अच्छे आचरण और अनुशासन को बनाए रखने के लिए, कम समय के लिए छोड़ा जाता है। फरलो उस कैदी को प्रदान की जा सकती है जिसे 5 साल से अधिक वर्षों के लिए सख्त सजा दी गई हो और वह दोषसिद्धि के पश्चात तीन साल की सजा काट चुका हो।

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