रोहतक। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह (Gurmeet Ram Rahim Singh) को एक और फरलो मिली है। वह 21 दिन जेल से बाहर रहेगा। राम रहीम (Ram Rahim ) बलात्कार के एक मामले में दोषी है। रोहतक जेल में सजा काट रहे राम रहीम की 21 दिन की परोल मंजूर हो गई है।
गुरमीत राम रहीम सिंह (Gurmeet Ram Rahim Singh) रोहतक की सुनारिया जेल में हत्याओं और साध्वियों से रेप के मामले में 20 साल की सजा काट रहा है। वो अगले हफ्ते तक एक बार फिर जेल से बाहर आ सकता है। इससे पहले जुलाई में हरियाणा सरकार ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख 30 दिनों की परोल दी थी।
डेरा सच्चा प्रमुख की यह 21 महीने में 8वीं छुट्टी है। इससे पहले डेरा सच्चा सौदा प्रमुख को दो बार फरलो मिल चुकी है। फरलो खत्म होने के बाद उसने फरलो की अर्जी लगाई थी। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह फरलो के दौरान उत्तर प्रदेश के बागपत स्थित अपने आश्रम में रहेगा। इस फैसले के राजनीतिक मायने भी निकाले जा रहे हैं।
फरलो और परोल में क्या है फर्क?
फरलो का मतलब जेल से मिलने वाली छुट्टी से है। यह पारिवारिक, व्यक्तिगत और सामाजिक जिम्मेदारियां पूरी करने के लिए दी जाती है। एक साल में कैदी तीन बार फरलो ले सकता है, लेकिन इसकी कुल अवधि 7 सप्ताह से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। ठोस कारणों की स्थिति में फरलो 120 दिन के लिए मंजूर की जा सकती है यह भी जरूरी है कि कैदी ने इससे पहले तीन साल की सजा पूरी कर ली और जेल में उसका बर्ताव अच्छा हो। इसकी मंजूरी जेल विभाग के महानिदेशक देते हैं।
जनरथ और बोलेरो में भीषण टक्कर, बच्चे समेत पांच की दर्दनाक मौत
वहीं, परोल के लिए कारण बताना जरूरी होता है। यह जेल अधीक्षक की देखरेख में ही दी जाती है। इसके नियम सख्त होते हैं। महाराष्ट्र प्रिजन मैन्युअल के तहत सालभर में किसी कैदी को अधिकतम 90 दिन की परोल पर रिहा किया जा सकता है।