Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

राममंदिर निर्माण की प्रक्रिया तेज, एक फ्लोर बनाने के लिए 75 हजार घन फीट पत्थर तैयार

ram mandir

ram mandir

अयोध्या में राममंदिर निर्माण की प्रक्रिया अब तेज हो गयी है। रामघाट स्थित कार्यशाला से तराशे गए पत्थरों को रामजन्मभूमि परिसर पहुंचाने का काम भी जोरों पर चल रहा है।

नींव टेस्टिंग के लिए 12 ट्रक में 30 नंबर तक के पत्थर कारसेवक पुरम से मंदिर तक पहुंच चुके हैं। मंदिर निर्माण के लिए एक-एक पत्थरों की गिनती की जा रही है। मंदिर की नींव से लेकर एक फ्लोर बनने तक के लिए 75 हजार घन फीट पत्थर तैयार है। रामजन्मभूमि न्यास की कार्यशाला में तराश कर रखे गए हर पत्थर पर नंबर अंकित किए जा रहे हैं।

पत्थरों के कोडिंग के कार्य में लगे मनोज सोमपुरा बताते हैं कि पत्थरों पर कोडिंग इस तरह की जा रही है ताकि यह पता रहे कि निर्माण में कितने पत्थर लगे। पिलर का पत्थर 25 घन फीट और अन्य पत्थर 10 और 5 घन फीट के हैं। मंदिर की नींव से लेकर एक फ्लोर बनने तक के लिए 75 हजार घन फीट पत्थर तैयार है। बाकी दो फ्लोर के लिए लगभग सवा तीन लाख घन फीट पत्थर समय के साथ तैयार हो जाएंगे।

‘नागिन’ फेम सुरभि चंदना ने शेयर किया डांस वीडियो

वैदिक रीति रिवाज से मंदिर निर्माण के लिए देश के पांच नामचीन वास्तुशास्त्रियों की समिति बनायी गयी है। समिति वास्तुशास्त्र के हिसाब से निर्माण में राय देगी। राममंदिर निर्माण इतिहास के पन्नों में भी दर्ज हो, इसके लिए ट्रस्ट ने हर व्यवस्था कर ली है।

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट, राममंदिर निर्माण समिति, विहिप और इन पांचों कंपनियों ने मिलकर नींव के लिए बनने वाले 1200 खंभों, पाइलिंग की मजबूती और इसमें प्रयोग होने वाली सामग्री के संयोजन पर विचार विमर्श कर लिया है।

जोधा अकबर जैसी प्रमुख फिल्मों में काम करने वाले अभिनेता विश्वमोहन बडोला का निधन

उन्होंने बताया कि राममंदिर को टिकाऊ और मजबूत बनाने के लिए जहां मंदिर के लिए खंभों का निर्माण होगा उसके नीचे 200 फीट की गहराई तक मशीनों से खुदाई की जाएगी।

जानकारी के मुताबिक, प्रारंभिक परीक्षण में इतनी गहराई तक खुदाई के बाद भी अभी तक पथरीली जमीन नहीं मिली है। मजबूत नींव के लिए आइआइटी रुड़की और कई अन्य संस्थानों के वैज्ञानिकों के अलावा अन्य एक्सपर्ट इस मुश्किल का हल खोज रहे हैं। मिट्टी की जांच के साथ ही लोड टेस्टिंग का काम चल रहा है। नीचे पथरीली जमीन न होने पर मंदिर धंसने का खतरा रहेगा।

Exit mobile version