उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर भूमि पूजन 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। राम मंदिर के लिए बद्रीनाथ धाम से मिट्टी और अलकनंदा का पवित्र जल भेजा गया। वहीं, शिलान्यास के लिए मां जानकी की प्राकट्य स्थली सीतामढ़ी से भी मिट्टी भेजी गई है। सीतामढ़ी के जानकी मंदिर, पुणौरा धाम, हलेश्वर स्थान और पंथपाकर धाम बगही मठ से मिट्टी भेजी गई।
राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के अध्यक्ष महंथ नृत्य गोपाल दास जी महाराज को मिट्टी सौंपी जाएगी। जानकी जन्मोत्सव आयोजन समिति ने अयोध्या में शिलान्यास के दिन सीतामढ़ी में अपने-अपने घरों में महाआरती और दीप जलाने की अपील की है।
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सीतामढ़ी में मां जानकी जन्मोत्सव आयोजन समिति की अगुवाई में मां जानकी की प्राकट्य स्थली के प्रमुख पांच मंदिरों से मिट्टी भूमि पूजन के लिए भेजी गई है। इसमें जानकी मंदिर, पुनौरा मंदिर, हलेस्वरस्थान मंदिर, पंथपाकड़ स्थित सीता मंदिर और बगही धाम का नाम शामिल है। मिट्टी इकट्ठा कर जानकी मंदिर में विधिवत पूजा कर राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के अध्यक्ष महंत श्री नृत्यगोपाल दास जी महाराज और महासचिव चंपत राय जी को सौंपी जाएगी।
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श्रीराम जन्मभूमि के आंदोलन में सीतामढ़ी से ही शिला पूजन की शुरुआत हुई थी और आंदोलन में कई शहरवासी कार सेवा में 1990 और 1992 में अयोध्या गए थे। आंदोलन के दौरान ही कई लोग जेल भी गए थे। राम जन्मभूमि का संघर्ष का कई सौ साल का इतिहास रहा है. हजारों लोगों ने अपनी आहूति दी थी।