पटना। दिवंगत केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान का राजकीय सम्मान के साथ शनिवार को पटना के दीघा में जनार्दन घाट पर अंतिम संस्कार हो गया है। उनके पुत्र और लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान उन्हें मुखाग्नि दी।
#WATCH Bihar: Last rites ceremony of Ram Vilas Paswan being performed by his son Chirag Paswan, at Digha ghat in Patna.
Bihar CM Nitish Kumar, Union Ministers Ravi Shankar Prasad & Nityanand Rai, Deputy CM Shushil Modi & RJD leader Tejashwi Yadav also present. pic.twitter.com/jk0Mu12sC3
— ANI (@ANI) October 10, 2020
रामविलास पासवान के पार्थिव शरीर का पूरे राजकीय सम्मान के साथ दीघा घाट में अंतिम संस्कार किया गया। उनकी अंतिम यात्रा में उनके समर्थक काफी भावुक देखे गए। अपने नेता की आखिरी झलक देखने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा था।
बता दें कि इससे पहले रामविलास पासवान की शवयात्रा उनके पटना स्थित कृष्णा पुरी आवास से निकली और करीब पौने तीन बजे घाट पर पहुंची। अंतिम संस्कार से पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, डिप्टी सीएम सुशील मोदी, केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, गिरिराज सिंह, नित्यानंद राय और राजद नेता तेजस्वी यादव ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
शुक्रवार की शाम पासवान का पार्थिव शरीर पटना पहुंचा था। यहां एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अलावा कई बड़े नेता पासवान को श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे। अंतिम संस्कार के लिए जैसे ही बेटे चिराग ने अपने पिता को कंधा दिया तो लोगों की आंखें भर आईं। एयरपोर्ट पर भी चिराग भावुक दिखे और अंतिम संस्कार के दौरान हाथ जोड़कर पिता को नमन कर श्रद्धांजलि दी।
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रामविलास पासवान के अंतिम दर्शन के लिए हजारों की तादाद में जहां लोग उनके आवास पर पहुंचे थे तो वहीँ, पासवान की पहली पत्नी राजकुमारी देवी भी सुबह-सुबह अपने गांव से अंतिम दर्शन को पटना स्थित आवास पहुंच गईं थीं। प्रत्ययक्षदर्शीयों ने बताया कि जैसे ही उन्होंने रामविलास पासवान के शव को देखा था अपने आंसुओं को नहीं रोक पाई और जार-जार रोने लगीं।
बीते शुक्रवार जब पासवान का पार्थिव शरीर पटना एयरपोर्ट पहुंचा तो यहां उनकी बेटी ओर दामाद को अंतिम दर्शन करने की इजाजत नहीं दी गई। जिसके बाद पासवान की बेटी आशा और दामाद अनिल ने राज्य के डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी की कार के सामने जमकर हंगामा किया, ये हंगामा उस समय हुआ जब सुशील मोदी, पासवान के अंतिम दर्शन करने आए थे। ऐसे में आशा पासवान और अनिल कुमार साधु का कहना है कि सुरक्षाकर्मी उन्हें अंदर नहीं जाने दे रहे थे।