लखनऊ। उत्तर प्रदेश के 18वीं विधानसभा में निर्वाचित विधायकों के शपथ दिलाने के लिए प्रोटेम स्पीकर चुन लिया गया। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने 4 विधायकों के फाइनल में आठवीं बार भाजपा के विधायक रमापति शास्त्री (Ramapati Shastri) को प्रोटेम स्पीकर (Protem Speaker) नियुक्त किया है। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल 26 मार्च की सुबह 11 बजे प्रोटेम स्पीकर की शपथ रमापति शास्त्री को दिलाएंगी। वहीं उत्तर प्रदेश सचिवालय के प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे ने सभी जिले के डीएम को निर्देश देने की समस्त चुने गए नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ ग्रहण का पास उपलब्ध कराए।
रमापति शास्त्री का सियासी सफर
रमापति शास्त्री का जन्म गोंडा जिले के नवाबगंज के विश्नोहरपुर गांव में 15 अक्टूबर 1952 को हुआ था। इनके पिता रामलौट साधारण किसान व माता शिवराजी देवी गृहणी थीं। प्राथमिक शिक्षा गांव के ही सरकारी स्कूल में ग्रहण की। नवाबगंज के गांधी विद्यालय इंटर कॉलेज से इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की। 1984 में उन्होंने संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी से शास्त्री की उपाधि मिली। पढ़ाई के दौरान ही वह जनसंघ से जुड़ गए। 1974 में वह राजनीति में आए। पहले ही चुनाव में ही वह डिक्सिर सुरक्षित सीट से जनसंघ के टिकट पर विधायक बन गए।
1980 व 1985 में वह कांग्रेस के बाबूलाल से चुनाव हार गए। 1989 में वह भाजपा से तीसरी बार विधायक बने। 1991 की रामलहर में चुनाव जीतने पर उन्हें कल्याण सिंह की सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया। इस कार्यकाल में उन्होंने समाज कल्याण व राजस्व विभाग की जिम्मेदारियां संभालीं। 1993 में चुनाव जीता। इसके बाद 1996 में भाजपा सरकार में चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के मंत्री रहे। 2002 के चुनाव में वह सपा के बाबूलाल से हार गए। इस दौरान भाजपा ने उन्हें अनुसूचित जाति मोर्चा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया।
2007 के चुनाव में बसपा के रमेश गौतम से चुनाव हार गए। 2012 में डिक्सिर विधानसभा सीट आरक्षण से बाहर होकर तरबगंज के नाम से बन गई। इस बार रमापति शास्त्री ने बलरामपुर सदर सुरक्षित सीट से चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए। प्रदेश संगठन में प्रदेश उपाध्यक्ष के साथ ही प्रदेश महामंत्री की जिम्मेदारियां मिलीं।
2017 के विधानसभा चुनाव में वह मनकापुर सुरक्षित सीट से सातवीं बार विधायक बने।और योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाए गए। साल 2022 में आठवीं बार विधायक बने हैं।