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… तब तक कथा नहीं करूंगा, जानें रामभद्राचार्य महाराज ने क्यों कही ये बड़ी बात

Jagadguru Rambhadracharya

Jagadguru Rambhadracharya

मथुरा। उत्तर प्रदेश के मथुरा के कोटवन में जगद्गुरुरामानंदाचार्य श्री रामभद्राचार्य (Rambhadracharya) के अभिनंदन समारोह का आयोजन शनिवार को धूमधाम के साथ आयोजित किया गया। कार्यक्रम में संतों का विशाल समागम देखने को मिला। समारोह में श्री पंच हरि व्यासी महानिर्वाणी निर्मोही अखाड़ा, ज्ञान गुदड़ी, छत्तीसगढ़ के महंत गोपी कृष्ण दास की ओर से छत्तीसगढ़ कुंज की चादरपोशी जगद्गुरु श्री रामभद्राचार्य के उत्तराधिकारी आचार्य रामचंद्र दास को की गई।

कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री लक्ष्मीनारायण चौधरी ने कोटवन में जगद्गुरु रामभद्राचार्य जी से राम कथा करने का निवेदन किया, लेकिन महाराज ने इस पर कहा कि जब तक यमुना जी शुद्ध नहीं हो जाती तब तक वह वहां कथा नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि सिर्फ भाषण देने से काम नहीं चलेगा। अब काम करके दिखाना पड़ेगा। उनकी बात को सुनकर मौजूद संतों ने यमुना मैया का जयकारा लगा दिया।

जगद्गुरु रामभद्राचार्य जी (Rambhadracharya) ने क्या कहा ?

सभी के उद्बोधन के बाद जगद्गुरुरामभद्राचार्य जी (Rambhadracharya) ने अपने उद्बोधन में कहा कि श्री राधा रानी उनकी भाभी हैं। उन्होंने उनसे विनती की थी कि अगर ब्रज में सेवा करानी है तो ऐसी व्यवस्था करें कि ब्रजवासियों की सेवा करने का मौका मिले। उन्होंने यमुना जी के किनारे छत्तीसगढ़ कुंज की व्यवस्था कर दी। अब यहां बच्चों की शिक्षा से लेकर संतो की प्रसाद सेवा और समाज के हित के लिए अलग-अलग तरह के कार्य किए जाएंगे, जिससे ब्रजवासियों को भी इसका फायदा मिलेगा।

महाराज ने चादरपोशी संपन्न कराई

इसके बाद ठाकुर मथुरा मल्ल मंदिर के प्रांगण में चादरपोशी का कार्यक्रम प्रारंभ हुआ, जिसमें चतु: संप्रदाय तीनों अनि अखाड़े के तीर्थ पुरोहित शरद बिहारी, सुभाष गौड़, गिरधर गोपाल, मयंक महाराज ने चादरपोशी संपन्न कराई गई।

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इसमें ब्रज और आसपास के क्षेत्र से आए संतों-महंतों और महामंडलेश्वरों ने श्री रामचंद्र दास महाराज को चादर ओढ़ाकर उनकी महंताई की। कार्यक्रम के आखिर में आचार्य रामचंद्र दास ने सभी आए हुए संतों महंतों का धन्यवाद कहा और आभार व्यक्त किया।

सैकड़ों महामंडलेश्वर और संत महंत मौजूद रहे

कार्यक्रम का शुभारंभ प्रसिद्ध भजन गायक चित्र विचित्र के भजनों से किया गया। इसके बाद सभी उपस्थित संतो ने अपने-अपने विचार साझा किए, जिसमें मुख्य रूप से श्री गुरु शरणानंद, अयोध्या हनुमानगढ़ी के श्रीमहंत धर्मदास महाराज, महंत गौरी शंकर महाराज, मलूक पीठाधीश्वर राजेंद्र दास महाराज, राम कथा प्रवक्ता विजय कौशल महाराज, साध्वी ऋतंभरा, सुतीक्ष्ण दास जी महाराज, भागवत प्रवक्ता कृष्ण चंद्र ठाकुर जी, हेमकांत शरण महाराज, मिथिला कुंज के किशोरी शरण महाराज, गौरी गोपाल के अनिरुद्ध आचार्य महाराज, कौशिक जी महाराज, प्रकाश आनंदपुरी, श्यामसुंदर गौतम के साथ- साथ साथ सैकड़ों महामंडलेश्वर संत महंतों ने रामचंद्र दास महाराज को अपना आशीर्वाद और शुभकामनाएं दीं।

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