लखनऊ। बसपा के पूर्व अध्यक्ष रामचल राजभर ने समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली है। चुनाव से कहा लड़ेंगे सवाल पूछने पर उन्होने कहा अकबरपुर से जनता ने जिताया है, तो चुनाव यहीं से लड़ना चाहता हूं।
मीडिया से बात करते हुए वो बोले कि मेरे सपा में आने से अंबेडकरनगर ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश व पूर्वांचल में समीकरण बदला है। 7 नवंबर को रामअचल राजभर संघर्ष मोर्चा के तत्वाधान में जनादेश महारैली भानुमती पीजी स्मारक कॉलेज में की गई, जिसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव मौजूद रहे। इसमें सबकुछ स्पष्ट हो गया। पांचवीं बार अकबरपुर से जनता ने जिताया है, तो चुनाव यहीं से लड़ना चाहता हूं। इसमें कोई शंका नहीं है। पिछली बार हमसे चुनाव लड़कर हारे पूर्व मंत्री राममूर्ति वर्मा का समायोजन राष्ट्रीय अध्यक्ष को करना है, वे जो निर्णय लेंगे हम उसका पालन करेंगे। हम अनुशासित व्यक्ति हैं। हमने कोई दूसरा विधानसभा क्षेत्र नहीं ढूंढा है। 1991 में हारने के बाद लगातार जीता। 2012 में मेरे बेटे संजय यादव को भी 67 हजार वोट मिला, तब एक बार राममूर्ति जीते थे। उसके बाद 2017 में उन्हें हराकर मैं जीता। कैसे इस सीट को छोड़ दूंगा। हमने अकबरपुर छोड़कर कोई और सीट कभी नहीं मांगी है।
बसपा के प्रति लोगों का अविश्वास बढ़ा है। मुझे पार्टी से निकले जाने के बाद प्रदेश में बड़े पैमाने पर लोगों ने तमाम जिलों से इस्तीफा दिया। सर्वसमाज के साथ राजभर समाज ने बसपा छोड़ दी।
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बहुजन समाजवादी पार्टी को खड़ा करने में मेरी पूरी जवानी बीत गई। कुल मिलकर कहें तो कांशीराम का मिशन गायब हो गया है। बसपा अब खत्म हो रही है। अब लोग खुलकर सपा के साथ आ गए हैं।
पश्चिम में जयंत समेत अन्य छोटे-छोटे दलों के गठबंधन से इस बार ऐतिहासिक जीत के साथ सपा की सरकार बनेगी।
मायावती की गतिविधियों से आम धारणा है कि वह भाजपा के साथ दलित वोटों का सौदा कर सकती हैं। मुझे उनका भाजपा में झुकाव महसूस होता है।
रामचल ने कहा हम तो मरते दम तक अब अखिलेश के साथ रहेंगे। मेरा तो पहले संकल्प था कि नीले कफन में मेरी लाश जाएगी, लेकिन अब मायावती बुलाएं तो भी कभी नहीं जाऊंगा। मायावती को पीएम तो नहीं बना सका, लेकिन रातों दिन काम करके अखिलेश को एक दिन पीएम जरूर बनाऊंगा।