अयोध्या। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में शुक्रवार को नागपंचमी के अवसर पर रामलला (Ramlala) सरकार को अनुजों सहित रजत हिंडोले में विराजमान किया गया। आज से मंदिर में झूलनोत्सव का आनंद छलकने लगा है। 21 किलो के रजत हिंडोले में रामलला (Ramlala) विराजमान होकर 20 फीट की दूरी से भक्तों को दर्शन दे रहे हैं। इस झूले का निर्माण 2021 में कराया गया था।
गर्भ गृह के सामने झूले पर भगवान की उत्सव मूर्ति लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और हनुमान जी की मूर्ति को भी हिंडोले में विराजित किया गया है। इससे पहले रामलला (Ramlala) लकड़ी के झूले पर झूला झूलते थे।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की व्यवस्था के अनुसार पंचमी से श्रावण पूर्णिमा तक प्रतिदिन मंदिर में शाम 6 से 7 बजे तक सांस्कृतिक संध्या भी सजेगी और भगवान को विशेष भोग अर्पित किया जाएगा। रक्षाबंधन तक रामलला भाइयों सहित भक्तों को झूले पर विराजित होकर दर्शन देंगे।
रामनगरी का ऐतिहासिक सावन झूला मेला बुधवार को मणि पर्वत पर मेले के साथ शुरू हो चुका है। अयोध्या के मंदिरों में झूलनोत्सव की अलग-अलग परंपरा है। यहां अधिकतर मंदिरों में जहां सावन शुक्ल तृतीया से मंदिरों में झूलनोत्सव का श्रीगणेश हो चुका है तो कुछ मंदिरों में पंचमी एवं कुछ में एकादशी से झूलनोत्सव का शुभारंभ होता है।
जन्मभूमि मंदिर में रामलला (Ramlala) की प्राण प्रतिष्ठा के बाद यह पहला झूलनोत्सव है, इसलिए विभिन्न धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार की गई है।