लखनऊ। श्रीराम जन्मभूमि प्राण प्रतिष्ठा समारोह कार्यक्रम को व्यापक बनाने के लिये विश्व हिंदू परिषद ने अपनी संगठनात्मक शक्ति लगानी शुरू कर दी है। देश भर के संतों का प्रतिनिधित्व समारोह में शामिल होगा। आमंत्रण देने की प्रक्रिया प्रारंभ हो इसको लेकर विहिप की अखिल भारतीय धर्माचार्य संपर्क प्रमुखों की तीर्थ क्षेत्र भवन रामकोट में बैठक हुई। बैठक में बताया गया कि 16 जनवरी से 24 जनवरी के मध्य गर्भगृह में श्रीरामलला (Ramlala) विराजमान हो जाएंगे। प्राणप्रतिष्ठा समारोह में देश भर के करीब चार हजार संतों को आमंत्रित करने की योजना है।
विहिप उपाध्यक्ष और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने देश के विभिन्न प्रांतो से आए धर्माचार्य संपर्क प्रमुखों की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के इस महाअभियान में संतों का अतुलनीय योगदान रहा जिसे विस्मृत नही किया जा सकता है। उन्होंने संपर्क प्रमुखों को बताया कि श्रीराम जन्मभूमि का निर्माण कार्य अपनी गति से चल रहा है, जो समय से पूर्ण हो जाएगा।
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प्राणप्रतिष्ठा में अयोध्या धाम आने वाले चार हजार संतों के लिये श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र द्वारा भोजन आवास की व्यवस्था जा रही है। बैठक में केंद्रीय संयुक्त मंत्री रासविहारी सहित उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडु, आसाम, दिल्ली, पंजाब आदि के प्रमुख उपस्थित रहे।
घर की चौखट पर जलाएं पांच दीपक
बैठक में चंपत राय ने सभी से आह्वान किया कि प्राणप्रतिष्ठा के दिन दीपोत्सव मनाया जाना चाहिए। इससे प्राणप्रतिष्ठा समारोह अपने व्यापक स्वरूप को प्राप्त करेगा। उन्होंने अपील किया है कि संपूर्ण राष्ट्र का हर घर राममय हो, इसके लिए घर-घर संपर्क होगा। प्राण प्रतिष्ठा तिथि पर रामभक्त पांच दीपक घर की चौखट पर अवश्य जलाएं और दीपोत्सव मनाएं।