अयोध्या। राममंदिर के भव्य गर्भगृह में भक्तों को 32 फीट दूर से रामलला (Ramlala) के दर्शन होंगे। इसके लिए दर्शनार्थियों को चार पंक्तियों में प्रवेश दिया जाएगा। इसके अलावा भव्य राममंदिर में रामलला की पांच फीट ऊंची अचल मूर्ति भी स्थापित होगी। राममंदिर निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक संपन्न हुई जिसमें भक्तों की सुविधाओं पर मंथन किया गया।
मंदिर निर्माण समिति की दूसरे दिन की बैठक समिति अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र की अध्यक्षता में सुबह 10 बजे से रामजन्मभूमि परिसर में शुरू हुई। ट्रस्ट के सदस्य डॉ.अनिल मिश्र ने बताया कि नए मंदिर में भक्तों को सुलभता से अपने आराध्य के दर्शन हों, इसका भरसक प्रयास होगा। रेलवे स्टेशन अयोध्या का निर्माण करा रही संस्था राइट्स के अधिकारी भी बैठक में शामिल हुए थे। उनके इंजीनियरों ने भव्य गर्भगृह में दर्शन की क्या व्यवस्था हो इसको लेकर प्रस्तुतीकरण दिया।
मंदिर खुल जाने के बाद कितनी भीड़ आएगी, भीड़ नियंत्रण का क्या प्लान होगा इसको लेकर घंटों मंथन चला। अभी जो योजना बनी है उसके तहत गर्भगृह में 30 से 32 फीट की दूरी से भक्तों को रामलला के दर्शन प्राप्त हो सकेंगे। अभी तक अस्थाई मंदिर में भक्तों को करीब 20 फीट दूर से दर्शन प्राप्त हो रहे हैं।
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अनुमान के मुताबिक हर रोज एक लाख भक्त रामलला (Ramlala ) के दरबार में आएंगे। इसलिए भीड़ को नियंत्रित करने के लिए दर्शनार्थियों की चार पंक्तियां बनाई जाएंगी। प्रवेश व निकास द्वार भी अलग-अलग होगा। यात्री सुविधा केंद्र में कितने श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्था की जाए इसको लेकर भी चर्चा हुई। डॉ. अनिल मिश्र ने बताया कि परकोटा निर्माण के लिए नींव खोदाई व जमीन समतलीकरण का काम शुरू कर दिया गया है। खरमास खत्म होने के बाद परकोटा निर्माण शुरू होगा। बैठक में ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, सदस्य बिमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र, मंदिर के आर्किटेक्ट आशीष सोमपुरा व कार्यदाई संस्था के इंजीनियर मौजूद रहे।
रामजन्मभूमि परिसर की लैंड स्केपिंग कैसी होगी इस पर भी बैठक में चर्चा हुई है। मंदिर के ट्रस्टी डॉ. अनिल ने बताया कि परिसर की लैंडस्केपिंग भक्तों को रामायण युग का अहसास कराएगी। बताया कि परिसर के चारों तरफ भव्य लैंड स्केपिंग के जरिए रामकथा का चित्रण किया जाएगा। परकोटा, परिक्रमा मार्ग से लेकर कुबेर टीला तक को रामकथा आधारित चित्रों से सजाया जाएगा। गर्भगृह के फर्श तक में चित्रांकन की योजना है।