अयोध्या में अपने अस्थाई मंदिर में विराजमान श्रीरामलला ने बुधवार को रामनवमी के दिन नई पोशाक और सोने का मुकुट धारण किया। उन्हें वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ नई पोशाक समर्पित की गई।
यह पहली बार है जब रामलला ने सोने का मुकुट धारण किया। रामलला पहले साधारण मुकुट धारण करते थे। 6 दिसम्बर 1992 के बाद उन्होंने चांदी का मुकुट धारण किया था ।
रामलला टेंट से निकलकर अस्थाई मंदिर में विराजे हैं तब अपने चारों भाइयों के साथ सोने का मुकुट धारण किया।
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मुख्य पुजारी रामलला आचार्य सतेंद्र दास ने बताया कि रामलला ने अपने चारों भाइयों के साथ सोने का मुकुट धारण किया। इसके लिए भक्तों ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में गुप्तदान किया है।
कोरोना संक्रमण के कारण अयोध्या में रामनवमी का पर्व सादगी से मनाया गया । इसके लिए संतों ने पहले ही भक्तों से अपील की थी कि त्योहार को घर पर रहकर ही सादगी से मनाएं। वहीं, जो भक्त अयोध्या पहुंचे उन्हें नगर में प्रवेश नहीं दिया गया।