सनातन धर्म में सूर्य देव को पूजनीय माना गया है. हमारे धर्म में उगते हुए सूरज को प्रतिदिन अर्घ्य दिया जाता है. माना गया है कि ऐसा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. ज्योतिषाचार्य पं पंकज पाठक के अनुसार, हर वर्ष में माघ माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को भगवान सूर्य देव को समर्पित है. इस दिन को रथ सप्तमी (Rath Saptami ) या माघ सप्तमी के रूप में मनाया जाता है.
इस दिन (Rath Saptami )को भगवान सूर्य देव के जन्म दिवस के रूप में भी मनाया जाता है. माना जाता है कि इस दिन भगवान सूर्य देव ने पूरे विश्व को रोशन करनेा शुरू किया था. इस दिन को सूर्य जयंती के रूप में भी मनाया जाता है.
शुभ मुहूर्त
15 फरवरी यानी माघ माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि का प्रारम्भ सुबह 10:12 मिनट से रहेगा और समापन 16 फरवरी को सुबह 08:54 मिनट तक होगा. उदया तिथि के अनुसार रथ सप्तमी 16 फरवरी दिन शुक्रवार को मनाई जायगी. रथ सप्तमी (Rath Saptami ) के दिन अरुणोदय :- सुबह 06:35 मिनट पर. रथ सप्तमी के दिन सूर्योदय :- सुबह 06:59 मिनट पर. रथ सप्तमी के दिन स्नान मुहूर्त :- प्रातः 05:17 मिनट से सुबह 06:59 मिनट तक.
इस विधि के अनुसार करें पूजा
सबसे पहले इस दिन आप अरुणोदय में स्नान करें. इसके बाद सूर्योदय के समय भगवान सूर्य को अर्ध्य दें. फिर विधि विधान से सूर्य देव की पूजा करें. अर्घ्य देने के लिए आप सबसे पहले सूर्य देव के समक्ष खड़े होकर नमस्कार मुद्रा में हाथ जोड़ लीजिए. फिर एक छोटे कलश से भगवान सूर्य को धीरे-धीरे जल चढ़ाकर अर्घ्यदान दीजिए. इसके बाद गाय के शुद्ध घी का दीपक जलाएं. साथ ही पूजा के समय सूर्य देव को लाल फूल अर्पित कीजिए.
समृद्धि की प्राप्ति होगी
इस दिन भगवान सूर्य की विधि-विधान पूर्वक पूजा करने से व्यक्ति को आरोग्य के साथ-साथ समृद्धि की प्राप्ति होती है.साथ ही इस दिन दान-पुण्य करना अत्यंत शुभ माना जाता है. इस दिन पर भगवान सूर्य के निमित्त व्रत करने से सभी पापों का नाश होता है. रथ सप्तमी पर अरुणोदय में स्नान करने का विशेष महत्व बताया गया है. इसलिए आप समय पर उठाकर स्नान करें. ऐसा करने से व्यक्ति को अच्छे स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है.
रथ सप्तमी (Rath Saptami ) को आरोग्य सप्तमी भी कहा जाता है. सूर्य सप्तमी के दिन घर पर स्नान करने की अपेक्षा नदी आदि में स्नान करना ज्यादा लाभकारी माना जाता है. सूर्य सप्तमी पर स्नान, दान-पुण्य एवं सूर्यदेव को अर्घ्य देने से लंबी आयु, आरोग्य एवं समृद्धि की प्राप्ति होती है.