मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने उम्मीद के अनुरूप बुधवार को रेपो दर तथा अन्य नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया।
आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा (Sanjay Malhotra) ने केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिन चली बैठक के बाद बुधवार को बताया कि अच्छे मानसून और आगे त्योहारी सीजन के साथ नीति निर्माण के स्तर पर समर्थन के कारण निकट भविष्य में भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अच्छे संकेत मिल रहे हैं। विकास का बढ़ावा देने के लिए समिति ने रेपो दर को 5.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखने का फैसला किया है।
RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा, ‘मध्यम अवधि में, बदलती विश्व व्यवस्था में भारतीय अर्थव्यवस्था की संभावनाएं उज्ज्वल हैं, जो अपनी अंतर्निहित शक्तियों का लाभ उठा रही
RBI के गवर्नर ने सबसे पहले कहा कि मानसून सीजन अच्छा रहा है। इसके बाद उन्होने आनेवाले फ़ेस्टिवल्स सीजन के बारे में भी चर्चा किया । उन्होने इस मुद्दे को लेकर बात करते हुए गवर्नर ने कहा कि इससे आर्थिक मार्चे पर उत्साहजनक नतीजे मिलने की आशा है।
उन्होंने कहा कि वैश्विक व्यापार चुनौतियों के बीच सरकार और आरबीआई की सकारात्मक और सहारा देने वाली नीतियां अर्थव्यस्था के लिए बेहतर साबित होंगी। आरबीआई गवर्नर ने भूराजनीतिक अनिश्चितता को भी रेखांकित किया। बदलते वैश्विक समीकरण के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था शानदार अवसरों और ठोस बुनियाद के साथ मजबूती से आगे बढ़ रही है।
इसके अलावा एमपीसी ने नीतिगत दरों को लेकर अपना रुख निरपेक्ष रखा है, यानि परिस्थितियों के हिसाब से इसे घटाया या बढ़ाया जा सकता है।
गौरतलब है कि रेपो दर वह दर है जिस पर आरबीआई बैंको के ऋण देता है। स्टैंडिंग डिपॉजिट फैसिलिटी रेट 5.25 प्रतिशत और मार्जिनल स्टैंडिग फैसिलिटी रेट को 5.75 प्रतिशत पर स्थिर रखा गया है।
श्री मल्होत्रा ने बताया कि एमपीसी ने चालू वित्त वर्ष 2025-26 के लिए विकास दर अनुमान को भी 6.5 प्रतिशत पर स्थिर रखने का फैसला किया है जबकि उपभोक्ता मूल्य आधारित खुदरा महंगाई दर का अनुमान 3.7 प्रतिशत से घटाकर 3.1 प्रतिशत कर दिया गया है।