नई दिल्ली| भारतीय रिजर्व बैंक ने मंगलवार को भूमि, श्रम और बिजली जैसे क्षेत्र में बुनियादी सुधारों को आगे बढ़ाने के लिए जीएसटी परिषद जैसे निकाय गठित करने का सुझाव दिया। इससे राष्ट्रीय आधारभूत संरचना परियोजनाओं को तेजी से लागू करने में मदद मिलेगी।
कोरोना संकट में पैसों की जरूरत पूरा करने के लिए बैंकों ने ओवरड्राफ्ट सुविधा शुरू
आरबीआई ने अपनी वार्षिक रपट में कहा कि एक स्वतंत्र नियामक के तहत राज्य सरकारों और केंद्र सरकारों के बड़े बंदरगाहों का निजीकरण एवं रेलवे, भूमि, बिजली, कोयला और इस्पात क्षेत्र की परिसंपत्तियों को बाजार में चढ़ा कर से लक्षित सार्वजनिक निवेश के लिए वित्त पोषण मिलेगा। इससे देश में निजी निवेश को गति प्रदान करने का रास्ता भी तैयार होगा।
ऐप्पल अगले दो महीने में भारत में अपना ऑनलाइन स्टोर खोलने को तैयार
केंद्रीय बैंक ने कहा कि भूमि, श्रम और बिजली क्षेत्रों में माल एवं सेवाकर (जीएसटी) परिषद जैसा शीर्ष निकाय बनाने से ढांचागत सुधार तेज होगा। इससे देशभर में राष्ट्रीय पाइपलाइन, उत्तर-दक्षिण और पूर्व-पश्चिम सड़क गलियारे और तेज गति वाले रेल गलियारे जैसी राष्ट्रीय महत्व की आधारभूत परियोजनाओं को तेजी से पूरा करने में मदद मिलेगी, जो स्वर्णिम चर्तुभुज की सफलता की इबारत लिखेंगी। इसी के साथ यह निवेश को लेकर माहौल और कारोबारी धारणा को बढ़ाने वाला कदम होगा।