पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जनता दल (JDU) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री रह चुके आरसीपी सिंह (RCP Singh) के बीच की रार किसी से छुपी नहीं है। इसी बीच आरसीपी सिंह के खिलाफ कार्रवाई को लेकर एक बार फिर बिहार में माहौल गरम हो गया है। आरसीपी सिंह पर कार्रवाई का आधार उनकी संपत्ति को लेकर बनाया गया है।
RCP सिंह पर 9 साल में 58 प्लॉट खरीदने का गंभीर आरोप लगा है। ये आरोप खुद JDU नेताओं ने लगाया है और प्रदेश अध्यक्ष ने नोटिस जारी कर आरसीपी सिंह से इस अनियमितता पर जवाब मांगा है।
बता दें कि इस संपत्ति का ब्योरा जेडीयू के ही नेताओं ने जुटाया है। रिपोर्ट के अनुसार ज्यादातर जमीनें आरसीपी सिंह (RCP Singh) की पत्नी गिरजा सिंह और दोनों बेटियों लिपि सिंह, लता सिंह के नाम पर हैं। आरोप यह है कि आरसीपी सिंह ने 2016 के अपने चुनावी हलफनामे में इन संपत्तियों का जिक्र नहीं किया है।
जेडीयू नेताओं की रिपोर्ट के अनुसार आरसीपी सिंह (RCP Singh) और उनके घर वालों ने 2013 से अब तक नालंदा जिले के अस्थावां और इस्लामपुर ब्लॉक में करीब 40 बीघा जमीन खरीदी है। इस रिपोर्ट में कई जिलों में भी संपत्ति होने का आरोप लगाया गया है। जेडीयू की तरफ से इस कार्रवाई को भ्रष्टाचार के खिलाफ सीएम नीतीश कुमार के जीरो टॉलरेंस की नीति माना जा रहा है। अपनी ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके किसी नेता के खिलाफ जांच करने और उनसे सवाल-जवाब करने वाली जेडीयू देश की पहली पार्टी है।
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जदयू पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने आरसीपी सिंह इस मामले में पत्र लिखा है। इसमें पत्र में कहा गया है कि नालंदा में जदयू के दो साथियों ने सबूत के साथ शिकायत की है। प्रदेश अध्यक्ष ने कि अब तक उपलब्ध जानकारी के अनुसार आपके (आरसीपी सिंह) और आपके परिवार के नाम से साल 2013 से 2022 तक अकूत संपत्ति अर्जित की गई है। जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह ने पत्र के माध्यम से कहा कि उम्मीद है कि आप (आरसीपी सिंह) अपनी स्पष्ट राय से पार्टी को तत्काल अवगत कराएंगे।