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रियल एस्टेट उद्योग ने आरबीआई के कर्ज पुनर्गठन का किया स्वागत

नई दिल्ली। जमीन जायदाद का विकास करने वाली कंपनियों (रियल एस्टेट) और संगठनों  ने रिजर्व बैंक के कर्ज पुनर्गठन की सुविधा देने के निर्णय का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि इससे कोविड-19 महामारी के कारण कम बिक्री की वजह से नकदी संकट से जूझ रहे बिल्डरों को राहत मिलेगी। रिजर्व बैंक ने बैंक प्रमुखों और उद्योग की मांग पर ध्यान देते हुए कर्ज पुनर्गठन की सुविधा उपलब्ध कराने की घोषणा की है।

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रियल एस्टेट कंपनियों के संगठनों का परिसंघ क्रेडाई के चेयरमैन जे. शाह ने कहा, कोविड-19 समाधान रूपरेखा की घोषणा की गयी है। इससे न केवल एक बारगी पुनर्गठन हो सकेगा बल्कि बैंक और कर्जदार समाधान योजना के साथ महामारी संकट से बाहर आ सकेंगे। इससे एक मजबूत दिशानिर्देश लाया जा सकेगा। नारेडको के अध्यक्ष निरंजन हीरानंदानी ने कहा, उद्योग जगत लंबे समय से कर्ज पुनर्गठन की मांग कर रहा था। रिजर्व बैंक ने इस ओर ध्यान दिया जो एक सकारात्मक कदम है। हीरानंदानी ने कहा कि इसके अलावा राष्ट्रीय आवास बैंक (एनएचबी) में पांच हजार करोड़ रुपये की नकदी डाले जाने की घोषणा से निश्चित रूप से आवास क्षेत्र को नकदी संकट से पार पाने में मदद मिलेगी।

सीबीआरई के चेयरमैन और सीईओ (भारत, दक्षिण पूर्व एशिया, पश्चिम एशिया व अफ्रीका) अंशुमन मैगजीन ने कहा कि आरबीआई का एनएचबी को अतिरिक्त नकदी उपलब्ध कराने का निर्णय एक सकारात्मक कदम है। इससे एनबीएफसी (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों) और आवास क्षेत्र को नकदी संकट से पार पाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, इसके अलावा आरबीआई ने एनपीए (गैर-निष्पादित परिसंपत्ति) की श्रेणी में लाये बिना एकबारगी कर्ज पुनर्गठन की भी मंजूरी दी है। इससे बैंक मालिकाना हक में बदलाव किये बिना समाधान योजना लागू कर सकेंगे।

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एनारॉक के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा कि एनएचबी के  आवंटन से आवास वित्त कंपनियों में पूंजी डालने में मदद मिलेगी। इससे अंतत: कंपनियों को लाभ होगा, जो कोविड-19 संकट के कारण नकदी मसले से जूझ रहे हैं। नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने कहा, कर्ज पुनर्गठन योजना के तहत दो साल तक भुगतान से मोहलत दी गई है। यह सुविधा कंपनियों और व्यक्तिगत कर्ज लेने वाले कर्जदारों के लिए है। इससे दबाव वाली रियल एस्टेट कंपनियों और आवास क्षेत्र के व्यक्तिगत कर्जदाताओं को राहत मिलेगी। हाउसिंग डॉटकॉम और प्रोपटाइगर डॉटकाम के समूह सीईओ ध्रुव अग्रवाल के अनुसार यह महत्वपूर्ण है कि पूर्व में नीतिगत दर में कटौती का लाभ और प्रभावी तरीके से ग्राहकों को मिले।

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