सनातन धर्म में एकादशी की तिथि महत्वपूर्ण मानी जाती है। एक माह में दो बार एकादशी तिथि आती है। पहली एकादशी कृष्ण पक्ष में और दूसरी एकादशी शुक्ल पक्ष में। माघ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को षटतिला एकादशी (Shattila Ekadashi) कहा जाता है। इस बार षटतिला एकादशी 6 फरवरी 2024 को पड़ रही है। इस दिन भगवान विष्णु और धन की देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। माना जाता है कि ऐसा करने से सुख-समृद्धि प्राप्त होती है। अगर षटतिला एकादशी (Shattila Ekadashi) की पूजा के दौरान नारायण स्तोत्र का पाठ नहीं किया जाए, तो व्रत पूरा नहीं माना जाता है। नारायण स्तोत्र का पाठ करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
॥नारायण स्तोत्र॥
नारायण नारायण जय गोपाल हरे॥
करुणापारावारा वरुणालयगम्भीरा ॥
घननीरदसंकाशा कृतकलिकल्मषनाशा॥
यमुनातीरविहारा धृतकौस्तुभमणिहारा ॥
पीताम्बरपरिधाना सुरकल्याणनिधाना॥
मंजुलगुंजा गुं भूषा मायामानुषवेषा॥
राधाऽधरमधुरसिका रजनीकरकुलतिलका॥
मुरलीगानविनोदा वेदस्तुतभूपादा॥
बर्हिनिवर्हापीडा नटनाटकफणिक्रीडा॥
वारिजभूषाभरणा राजिवरुक्मिणिरमणा॥
जलरुहदलनिभनेत्रा जगदारम्भकसूत्रा॥
पातकरजनीसंहर करुणालय मामुद्धर॥
अधबकक्षयकंसारेकेशव कृष्ण मुरारे॥
हाटकनिभपीताम्बर अभयंकुरु मेमावर॥
दशरथराजकुमारा दानवमदस्रंहारा॥
गोवर्धनगिरिरमणा गोपीमानसहरणा॥
शरयूतीरविहारासज्जनऋषिमन्दारा॥
विश्वामित्रमखत्रा विविधपरासुचरित्रा॥
ध्वजवज्रांकुशपादा धरणीसुतस्रहमोदा॥
जनकसुताप्रतिपाला जय जय संसृतिलीला॥
दशरथवाग्घृतिभारा दण्डकवनसंचारा॥
मुष्टिकचाणूरसंहारा मुनिमानसविहारा॥
वालिविनिग्रहशौर्यावरसुग्रीवहितार्या॥
मां मुरलीकर धीवर पालय पालय श्रीधर॥
जलनिधिबन्धनधीरा रावणकण्ठविदारा॥
ताटीमददलनाढ्या नटगुणगु विविधधनाढ्या॥
गौतमपत्नीपूजन करुणाघनावलोकन॥
स्रम्भ्रमसीताहारा साकेतपुरविहारा॥
अचलोद्घृतिद्घृञ्चत्कर भक्तानुग्रहतत्पर॥
नैगमगानविनोदा रक्षःसुतप्रह्लादा॥
भारतियतिवरशंकर नामामृतमखिलान्तर॥
एकादशी व्रत मंत्र
1. श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे।
हे नाथ नारायण वासुदेवाय।।
2. ॐ नारायणाय विद्महे।
वासुदेवाय धीमहि ।
तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।
3. ॐ विष्णवे नम:
धन-समृद्धि मंत्र
ॐ भूरिदा भूरि देहिनो , मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि ।
ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि ।
षटतिला एकादशी (Shattila Ekadashi) महत्व
षटतिला एकादशी (Shattila Ekadashi) का व्रत करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और घर में हमेशा सुख-शांति बनी रहती है। एकादशी के दिन तिल और उड़द मिश्रित खिचड़ी बनाकर भगवान विष्णु को भोग लगाना चाहिए। इस दिन तिल का विभिन्न तरह से इस्तेमाल करने से कष्टों से राहत मिलती है।