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शनि प्रदोष के दिन करें इस स्त्रोत का पाठ, विवाह में आ रही बाधा होगी दूर

Writer D by Writer D
06/04/2024
in धर्म, फैशन/शैली
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Shukra Pradosh

Shukra Pradosh

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देवों के देव महादेव और माता पार्वती को प्रसन्न करने के लिए प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) करना शुभ माना जाता है। पौराणिक मान्यता है कि इस व्रत को यदि विधि-विधान से किया जाता है तो विवाह में आ रही बाधा दूर हो जाती है। पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक, अप्रैल माह में प्रदोष व्रत 6 अप्रैल को हैं और इस दिन शनिवार होने के कारण इसे शनि प्रदोष व्रत (Shani Pradsoh Vrat) कहा जाएगा। इस दिन यदि साधन शिवशक्ति की पूजा करते हैं तो विवाह में आ रही बाधा दूर हो जाती है।

पूजा का शुभ मुहूर्त (Shani Pradsoh Vrat)

पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक, चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि का 6 अप्रैल, सुबह 10.19 बजे आरंभ होगी और इस तिथि का समापन 7 अप्रैल को सुबह 6.53 बजे होगा।

इस स्रोत का करें पाठ

।।जानकीकृतं पार्वती स्तोत्र।।

जानकी उवाच

शक्तिस्वरूपे सर्वेषां सर्वाधारे गुणाश्रये।

सदा शंकरयुक्ते च पतिं देहि नमोsस्तु ते।।

सृष्टिस्थित्यन्त रूपेण सृष्टिस्थित्यन्त रूपिणी।

सृष्टिस्थियन्त बीजानां बीजरूपे नमोsस्तु ते।।

हे गौरि पतिमर्मज्ञे पतिव्रतपरायणे।

पतिव्रते पतिरते पतिं देहि नमोsस्तु ते।।

सर्वमंगल मंगल्ये सर्वमंगल संयुते।

सर्वमंगल बीजे च नमस्ते सर्वमंगले।।

सर्वप्रिये सर्वबीजे सर्व अशुभ विनाशिनी।

सर्वेशे सर्वजनके नमस्ते शंकरप्रिये।।

परमात्मस्वरूपे च नित्यरूपे सनातनि।

साकारे च निराकारे सर्वरूपे नमोsस्तु ते।।

क्षुत् तृष्णेच्छा दया श्रद्धा निद्रा तन्द्रा स्मृति: क्षमा।

एतास्तव कला: सर्वा: नारायणि नमोsस्तु ते।।

लज्जा मेधा तुष्टि पुष्टि शान्ति संपत्ति वृद्धय:।

एतास्त्व कला: सर्वा: सर्वरूपे नमोsस्तु ते।।

दृष्टादृष्ट स्वरूपे च तयोर्बीज फलप्रदे ।

सर्वानिर्वचनीये च महामाये नमोsस्तु ते।।

शिवे शंकर सौभाग्ययुक्ते सौभाग्यदायिनि।

हरिं कान्तं च सौभाग्यं देहि देवी नमोsस्तु ते।।

फलश्रुति

स्तोत्रणानेन या: स्तुत्वा समाप्ति दिवसे शिवाम्।

नमन्ति परया भक्त्या ता लभन्ति हरिं पतिम्।।

इह कान्तसुखं भुक्त्वा पतिं प्राप्य परात्परम्।

दिव्यं स्यन्दनमारुह्य यान्त्यन्ते कृष्णसंनिधिम्।।

(श्री ब्रह्मवैवर्त पुराणे जानकीकृतं पार्वतीस्तोत्रं सम्पूर्णम्।।)

Tags: Shani Pradosh 2024Shani Pradosh Puja VidhiShani Pradosh Shubh Muhurat
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