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चैत्र नवरात्र में दुर्गा सप्तशती का कर रहे हैं पाठ, तो इन नियमों का जरूर करें पालन

Durga Saptashati

Durga Saptashati

चैत्र नवरात्र (Chaitra Navratri) 9 अप्रैल से शुरू होंगे। इन नौ दिनों में मां दुर्गा की विधि-विधान से पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि नवरात्र के दौरान रोजाना मां दुर्गा की पूजा करने और दुर्गा सप्तशती (Durga Saptashati) का पाठ करने से जीवन की बड़ी से बड़ी समस्याएं भी दूर हो जाती हैं। इस दिव्य पाठ को करने के कुछ नियम बताए गए हैं, जिनका पालन जरूरी माना जाता है। यह बहुत महत्वपूर्ण भी माना जाता है। आइए, जानते हैं कि दुर्गा सप्तशती (Durga Saptashati) पाठ के क्या नियम हैं।

दुर्गा सप्तशती (Durga Saptashati) पाठ के नियम

– दुर्गा सप्तशती (Durga Saptashati)का पाठ शुरू करने से पहले पाठ करने का संकल्प लेना चाहिए।
– नवरात्र के पहले दिन से ही दुर्गा सप्तशती का पाठ शुरू कर देना चाहिए।
– पाठ करते समय पवित्र एवं लाल रंग के वस्त्र धारण करें।
– दुर्गा सप्तशती को लाल चुनरी या कपड़े में लपेटकर रखें।
– सभी 13 अध्यायों को एक से नौ दिनों में पूरा करें।
– पाठ करते समय उठें नहीं और बोलें नहीं।
– पाठ के दौरान ब्रह्मचर्य और पवित्रता का ध्यान रखना चाहिए।
– पाठ को जल्दी-जल्दी न पढ़ें, शब्दों का उच्चारण स्पष्ट और लय के साथ करना चाहिए।
– दुर्गा सप्तशती (Durga Saptashati)का पाठ करने से पहले आदिशक्ति मां दुर्गा का ध्यान करें।
– पाठ पूरा करने के बाद क्षमा प्रार्थना करें और इसे माता रानी को अर्पित कर दें।
– दुर्गा सप्तशती (Durga Saptashati) का पाठ करते समय मांस, शराब, लहसुन और प्याज का सेवन न करें।
– व्रत करने वाले को तामसिक चीजों से दूर रहें।
– पाठ के दौरान किसी के प्रति बुरी भावना न रखें।
– दुर्गा सप्तशती (Durga Saptashati)का पाठ करते हुए लाल आसन पर बैठें।
– दुर्गा सप्तशती (Durga Saptashati) का पाठ सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण करता है।

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