कानपुर। सर्दियों के महीनों में आमतौर पर सक्रिय होने वाले पश्चिमी विक्षोभ अबकी बार गर्मी (Summer) के महीनों में भी सक्रिय हैं। एक पश्चिमी विक्षोभ कमजोर पड़ता है तो दूसरा सक्रिय हो जाता है जिससे मार्च से लेकर अब तक जिस प्रकार बारिश (Rain) हुई उससे पिछले 52 साल का रिकार्ड टूट गया है। मौसम विभाग का कहना है कि अभी भी गरज व चमक के साथ बारिश की संभावना बनी हुई है।
चन्द्रशेखर आजाद कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ. एस एन सुनील पाण्डेय ने बुधवार को बताया कि जो पश्चिमी विक्षोभ दिसम्बर, जनवरी और फरवरी में आने चाहिये था, वह अब आ रहे हैं। मार्च और अप्रैल माह में 16 छोटे और बड़े पश्चिमी विक्षोभ आये, जिससे मार्च माह में 23 और अप्रैल माह में 62 मिमी बारिश हुई। इसके साथ ही मई माह के पहले ही दिन 25 मिमी बारिश हुई और अभी भी हल्की बारिश हो ही रही है।
इस प्रकार अगर आंकड़ों की बात करें तो विभाग के पास 1971 से आंकड़े उपलब्ध हैं और उनके अनुसार कभी इतनी बारिश नहीं हुई है। यही नहीं बारिश (Rain) होने से अप्रैल माह में सिर्फ पांच बार 40 डिग्री सेल्सियस तापमान पहुंचा है और बाकी दिनों सामान्य से कम ही रहा।
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इस प्रकार अप्रैल माह पहली बार सबसे ठंडा रहा और अभी भी सामान्य से तापमान कम ही चल रहा है। आगामी एक सप्ताह तक मौसम में इसी तरह के परिवर्तन देखे जा सकते हैं।
बताया कि अधिकतम तापमान 32.8 और न्यूनतम तापमान 21.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। सुबह की सापेक्षिक आर्द्रता 73 और दोपहर की सापेक्षिक आर्द्रता 49 प्रतिशत रही। हवाओं की दिशाएं दक्षिण पश्चिम रहीं जिनकी औसत गति 3.3 किमी प्रति घंटा रही। आगामी दिनों में तेज हवाओं, ओलावृष्टि एवं गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है।