नई दिल्ली| देश की बड़ी गैर सूचीबद्ध कंपनियों के लिए रेग्युलेटरी नियम और सख्त हो सकते हैं। शेयर बजार में सूचीबद्ध कंपनियों की ही तरह सरकार गैर सूचीबद्ध कंपनियों को भी वित्तीय लेखा-जोखा तिमाही आधार पर बताने के निर्देश दिया जा सकता है।
सूत्रों के मुताबिक इस महीने के आखिर में सभी हितधारकों के साथ कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय में अहम बैठक की जाएगी। उस बैठक में ही इस प्रस्ताव की शर्तें तय की जाएंगी।
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जानकारी के मुताबिक इन प्रस्तावित नई व्यवस्था के जरिए सरकार की मंशा बड़ी कंपनियों के कामकाज पर नजर रखने की है। साथ ही उनकी वित्तीय स्थिति को भी देखा जाएगा ताकि फ्रॉड जैसे हालात पैदा होने से पहले ही कार्रवाई की जा सके। इसके लिए ये नियम बदलने की जरूरत है।
बैठक में ये भी तय किया जाएगा कि कितने टर्नओवर तक के दायरे वाली कंपनियों को इस व्यवस्था में शामिल किया जाए। नए नियमों को लागू करने की समय सीमा पर भी फैसला होगा। मौजूदा दौर में सभी गैर लिस्टेड कंपनियां सालाना आधार पर वित्तीय कामकाज का लेखा-जोखा बताती हैं। इनको रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज के पास सालाना वित्तीय लेखा जोखा दाखिल करना होता है।