Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

अरब और भारत के बीच संबंध बहुत पुराने हैं : प्रो. रिज़वान

NCPUL

NCPUL

लखनऊ। ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय, लखनऊ के अरबी विभाग के तत्वावधान में शुक्रवार को नेशनल कौंसिल फॉर प्रमोशन ऑफ़ उर्दू लैंग्वेज (NCPUL), नई दिल्ली की सहयोग से “मोहद्दिसे कबीर मौलाना हबीबुर रहमान आज़मी मेमोरियल लेक्चर सीरीज ” के अंतर्गत एक व्याख्यान का आयोजन किया गया।

उक्त व्याख्यान के मुख्य वक्ता अरबी भाषा के प्रमुख विद्वान और साहित्यकार प्रो. रिज़वान-उर-रहमान, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली ने “अरब और भारत के बीच ऐतिहासिक संबंध” विषय पर प्राचीन ग्रंथों के संदर्भ से विचार व्यक्त किये।

केरल चुनाव : राहुल गांधी ने पलक्कड़ में रोड शो कर एलडीएफ सरकार पर बोला हमला

विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए, प्रो. रिज़वान ने बताया कि अरब और भारत के बीच संबंध बहुत पुराने हैं। इन संबंधों ने दोनों देशों के बीच व्यापारिक, आर्थिक और  धार्मिक आदान-प्रदान को बढ़ावा दिया है।भारत के तटीय क्षेत्र प्रमुख रूप से उनके संपर्क में थे।

दो शताब्दी पूर्व भी भारत से अरब देशों को निर्यात होता था और अरब देशों के बाजा़रों में भारतीय मसाले सामान्य रूप से उपलब्ध रहते थे।आपसी संबंधों का आदान प्रदान सांस्कृतिक क्षेत्र में भी था। कार्यक्रम कुलपति, प्रो. विनय कुमार पाठक की अध्यक्षता में हुआ, जिसमे प्रो मसूद आलम एवं डॉ आयशा शहनाज फातिमा ने स्वागत भाषण दिया।धन्यवाद ज्ञापन डॉ अब्दुल हफ़ीज़ द्वारा दिया गया। कार्यक्रम में प्रो. फख़रे आलम, प्रो. सोबान सईद, प्रो. मुशीर हुसैन सिद्दीकी, डॉ. सईद बिन मखशिम, डॉ. मुहम्मद अकमल शादाब और डॉ. आज़म अंसारी सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया।

Exit mobile version