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फ्यूचर रिटेल के कुछ स्टोर्स को रिलायंस ने लिया अपने हाथों में

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नई दिल्ली| उद्योग जगत के सूत्रों के मुताबिक फ्यूचर रिटेल (Future Retail) को दिवालिया होने से बचाने के लिए रिलायंस (reliance) ने एक बड़ा कदम उठाया है। इसके तहत कंपनी ने किशोर बियानी के नेतृत्कीव वाली फ्यूचर रिटेल (Future Retail) के कुछ स्टोर्स का संचालन अपने हाथों में ले लिया है। कंपनी ने फ्यूचर रिटेल (Future Retail) के कर्मचारियों को नौकरी की पेशकश की है।

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देश की सबसे बड़ी और मूल्यवान कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) ने बंद होने की कगार पर खड़े किशोर बियानी की फ्यूचर रिटेल (Future Retail) के कुछ स्टोर्स का संचालन अपने हाथों में ले लिया है। कंपनी ने फ्यूचर रिटेल (Future Retail) के कर्मचारियों को नौकरी की पेशकश की है। इन स्टोर्स पर अब रिलायंस रिटेल  (Reliance Retail) की बॉंडिंग की जाएगी।

मामले की शुरुआत फ्यूचर रिटेल स्टोर्स (Future Retail Stores) के किराए न चुका पाने की वजह से हुई। जिसके बाद परिसर मालिकों ने स्टोर्स खाली करने का दवाब बनाया। कंपनी के सूत्रों के मुताबिक दिंसबर 2020 में रिलायंस को इसकी भनक लगी और रिलायंस ने बैंकों, लेनदारों, कर्मचारियों के हित में परिसर मालिकों से संपर्क कर परिसरों को लीज पर ले लिया। स्टोर्स बंद न हों इसलिए परिसरों को वापस फ्यूचर रिटेल को सब-लीज पर दे दिया गया।

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फ्यूचर रिटेल (Future Retail) का कारोबार चलता इसके लिए रिलायंस (reliance)  ने उसे वर्किंग कैपिटल भी मुहैया कराई। उद्योग जगत के सूत्रों के मुताबिक फ्यूचर रिटेल (Future Retail) को दिवालिया होने से बचाने के लिए रिलायंस ने यह कदम इसलिए उठाया। फ्यूचर के दिवालिया होने से हजारों कर्मचारियों के रोजगार पर भी तलवार लटकने की आशंका बनी हुई थी। उद्योग के सूत्रों के मुताबिक रिलायंस ने अमेजन के साथ मुकदमेंबाजी में फंसने और फ्यूचर के अधिग्रहण में देर होने को इसकी वजह माना है।

घाटे में चल रहे कई स्टोर का नियंत्रण रिलायंस अपने हाथों में ले रहा है। बाकी स्टोर्स एफआरएल द्वारा संचालित होते रहेंगे। इस तरह, एफआरएल का परिचालन घाटा भी कम हो जाएगा। रिलायंस के सहारे के बावजूद फ्यूचर रिटेल को 2021 में हजारों करोड़ का घाटा हुआ, जिसमें रिलायंस द्वारा दिया गया लीज रेंटल और वर्किंग कैपिटल का कुछ हजार करोड़ भी शामिल है। कंपनी को और अधिक घाटे से बचाने के लिए रिलायंस ने ऐसे सभी स्टोर्स को अपने नियंत्रण में ले लिया है जिनकी लीज उसके नाम पर थी।

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रिलायंस (reliance)  सूत्रों के मुताबिक ऐसे सभी परिसरों का कंपनी मूल्यांकन करेगी और उन्हें व्यावसायिक तौर पर चलाया जाएगा। रिलायंस स्टोर्स में अब तक काम करने वाले कर्मचारियों को नौकरी का मौका भी देगी। कंपनी की यह कार्रवाई एफआरएल के मूल्य को संरक्षित करने और एफआरएल के बैंकरों और लेनदारों के लिए भी फायदेमंद साबित होगी।

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