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हैलट अस्पताल में कोरोना मृतकों को लगाए गएं रेमडेसिविर इंजेक्शन, CM ने लिया संज्ञान

Remdesivir injections

Remdesivir injections

वैश्विक महामारी कोराना की दूसरी लहर में भी स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही एक बार फिर उजागर हुई है। अबकी बार तो कोरोना मृतकों के नाम पर रेमडेसिविर इंजेक्शन निकाल लिए गये। मामले का संज्ञान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लिया तो हैलट अस्पताल के जिम्मेदारों के हाथ—पाव फूल गये। प्राचार्य ने तीन सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया है और कहा कि जांच रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।

पिछले काफी दिनों से विवादों में रहे कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज से संबंद्ध हैलट अस्पताल के नाम पर एक और दाग लग गया है। अब मामला कोरोना काल में संजीवनी कहे जाने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी से जुड़ा है। यहां पर डॉक्टरों ने मृतकों को रेमडेसिविर इंजेक्शन लगा दिए। सुनने में यह अजीब जरुर लग रहा होगा, लेकिन यह कारनामा हैलट अस्पताल में अंजाम दिया गया। दरअसल मरीजों के मरने के बाद भी उनके नाम पर कई दिनों तक इंजेक्शन लगाए जाते रहे। जिनके ब्लैक मार्केटिंग किए जाने की बात कही जा रही है।

आपको बता दें कि कानपुर के हैलट अस्पताल में कोरोना की दूसरी लहर के पीक के दौरान मारामारी की स्थिति बनी हुई थी। इसी समय में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी के चलते लोग परेशान थे। इस इंजेक्शन को ऐसे लोगों के लिए लाइफ सेविंग माना जा रहा था जिनमें ऑक्सीजन की कमी हो रही थी। ऐसे में मार्केट में यह इंजेक्शन कई गुना मंहगे दामों पर बेचे जा रहे थे। इंजेक्शन की ब्लैक मार्केटिंग के आरोप में हैलट अस्पताल के नर्सिंग स्टॉफ सहित तीन लोगों की गिरफ्तारी भी हुई थी। जिसके बाद अब मृतकों के नाम पर इंजेक्शन इश्यू किए जाने का मामला सामने आ रहा है। कई मरीजों की मौत के बाद भी उनके कागजों पर इंजेक्शन इश्यू किए जाने के दस्तावेजी सुबूत सामने आने के बाद मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डा. आरबी कमल ने सभी मरीजों के रिकॉर्ड मंगवाने के साथ जांच कमेटी का गठन कर दिया है।

सत्यता आने पर मीडिया के सामने रखा जाएगा मामला

प्राचार्य ने बताया कि हम लोगों ने जैसा देखा है उसके अनुसार छह—सात लोगों का लिस्ट में नाम है। जिनके मौत के बाद रेमडेसिविर इंजेक्शन जारी किये गये हैं। इसके लिए जांच कमेटी बैठा दी गई है। लिस्ट में एक नाम डॉक्टर राजतिलक हैं जो कि जिंदा हैं उनको मृत बताया गया है। एक विनीता ठाकुर हैं जो कि हमारे डॉक्टर केसी श्रीवास्तव इलाहाबाद के साले की बेटी थी जिनकी मौत 29 को हुई थी, लिस्ट में 26 को मौत दिखा रहे हैं। सभी की सारी बीएसटी निकलवाई हैं और पूरा रिकॉर्ड निकलवा रहे हैं। सत्यता को पता करके मैं मीडिया के सामने पूरा मामला रखूंगा। मामले को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी संज्ञान लिया है और वहां से फोन भी आया है। जो इंजेक्शन जारी किए गए हैं उनके नाम से ही जारी है या नहीं, कब—कब लगे हैं। इन सभी बिन्दुओ पर जांच हो रही है। सीएमएस, नोडल अधिकारी और न्यूरोसाइंस के अधिकारी इसमें जांच कर रहे हैं।

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