फाल्गुन मास की पूर्णिमा को होलिका दहन (Holika Dahan) किया जाता है।होलिका दहन 13 की रात में होगा और होली 14 को मनायी जाएगी। होलिका दहन वाले दिन है लोग अपने कुल देवता की पूजा की जाती है और अबीर मिष्ठान चढ़ाएं जाते हैं। परंपरा के अनुसार उदया तिथि चैत कृष्ण प्रतिपदा को रंग की होली मनायी जाती है। इस बार होलिका दहन के लिए सिर्फ एक घंटे का समय मिल रहा है। क्योंकि होलिका दहन (Holika Dahan) के लिए पूरे दिन भद्रा रहेगी। इस बार भद्रा 10.44 मिनट तक रहेगी, इसके बाद होलिका दहन 10.44 बजे के बाद रात को होगा। कहते हैं कि होलिका दहन में सभी नेगेटिविटी जलकर राख हो जाती है। इसके अलावा इस दिन मां लक्षमी के भी उपाय किए जाते हैं।
होलिका दहन (Holika Dahan) के समय किए जाने वाले कार्य-
होलिका दहन (Holika Dahan) के दिन अपने ऊपर से वारकर सरसों के दानें और काले तिल डाल देने चाहिए। इससे आपकी नेगेटिविट दूर होगी।
होलिका दहन के बाद जब इसकी राख ठंडी हो जाए तो इसे लाल कपड़े में बांधकर तिजौरी में रखना चाहिए. कहा जाता है कि इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है।
इस दिन घर के मुख्य द्वार के पास दीपक जलाना चाहिए। कहते हैं, इससे मां लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है।
अगर आपकी लाइफ में आर्थिक तौर पर संकट हो , आपके जीवन में विपत्ति गई हों, तो आपको होलिका दहन में नारियल अर्पित करना चाहिए।
इसके अलावा होलिका दहन में पान के पत्ते का भी एक उपाय करना चाहिए। इसके लिए एक पान का पत्ता लें और इस पान के पत्ते को घी में डूबा दें, इसके बाद इश पर एक बताशा रख लें। इसके बाद इसे होलिका दहन में डाल दें, इससे भी मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है।