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15 अगस्त के भाषण के लिए याद रखें ये प्वाइंट्स, खूब बजेंगी तालियां

15 August

15 August

इस साल हम भारत का 77वां स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहे हैं. हम सभी जानते हैं कि हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के प्रयासों से भारत को 15 August 1947 को 200 साल लंबे ब्रिटिश शासन से आजादी मिली थी. स्वतंत्रता दिवस को पूरे देशभर में भारी उत्साह के साथ मनाया जाता है. वहीं, इस मौके पर स्कूलों, ऑफिस समेत कई जगहों पर कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं.

कई छात्रों को मंच पर भाषण देने का कर्तव्य मिल जाता है. भाषण की तैयारी को लेकर लोग अक्सर कन्फ्यूज रहते हैं. इसी को ध्यान में रखकर हम यहां स्वतंत्रता के बारे में एक शॉर्ट और आकर्षक भाषण देने का तरीका बताएंगे. नीचे दिए 5 प्वाइंट्स को ध्यान में रखकर आप एक बेस्ट स्पीच तैयार कर सकते हैं.

भाषण के लिए याद रखें ये प्वाइंट्स

भाषण की शुरुआत ऐसे करें: अपनी स्पीच की शुरुआत को ही आकर्षक बनाएं ताकी सभा में मौजूद सभी का ध्यान आकर्षित हो सके. भाषण की शुरुआत मेरे प्यारे भाइयों-बहनों, दोस्तों और अतिथियों से करें. अभिवादन के तुरंत बाद एक जोश भरी देश भक्ति शायरी सुना सकते हैं. नारा भी लगवा सकते हैं.

प्रसिद्ध कहावतों को शामिल करें: स्वतंत्रता दिवस के महत्व को सही से समझाने के लिए आप महान स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा दिए नारों को भाषण में शामिल करें. आप चंद्रशेखर आजाद, सुभाष चंद्र बोस, महात्मा गांधी आदि के नारों को शामिल कर सकते हैं.

स्वतंत्रता दिवस के लिए 15 अगस्त की स्पीच ऐसे करें तैयार

झंडों के रंगों का अर्थ: भाषण को आकर्षक बनाने के लिए आप तीरंगा के रंगों का अर्थ भी बता सकते हैं. इसमें केसरिया रंग ‘शक्ति और साहस’ का, सफेद रंग शांति और सच्चाई का और हरा रंग धरती की हरियाली और वृद्धि का प्रतीक है. अशोक चक्र की 24 तील्लियां उन्नति का संदेश देती है. इस तरह से उन्हें जोड़ सकते हैं.

महापुरुषों के संघर्ष और बलिदान को याद करें: अपनी स्पीच में आप भारत के इतिहास के अलावा आजादी के लिए संघर्ष करने वाले महापुरुषों को याद कर सकते हैं. किसी एक महापुरुष के बलिदान को बता भी सकते हैं. साथ उनके बारे में पढ़ने और जानने की सलाह भी दे सकते हैं.

भाषण का अंत ऐसे करें: स्पीच के अंत में सभा में मौजूद लोगों का धन्यवाद करें. आप अपना भाषण शायरी के साथ खत्म कर सकते हैं. जैसे- “ना जियो धर्म के नाम पर, ना मरो धर्म के नाम पर, इंसानियत ही है धर्म वतन का, बस जियो वतन के नाम पर” इस तरह की शायरी से लोग आपके भाषण के बाद भी तालियां बजाएंगे.

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