जिलों की पुलिसिंग में मुख्यालय के हस्तक्षेप की शिकायतों को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने पुलिस अधीक्षकों से कहा है कि वे थानों और सर्किल में अपने स्तर से ही तैनाती करें।
सचिवालय या डीजीपी मुख्यालय इसमें हस्तक्षेप न करे। मुख्यमंत्री बृहस्पतिवार को फील्ड में तैनात पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने जिलों में तैनात अपर पुलिस अधीक्षक व पुलिस उपाधीक्षकों और निरीक्षकों व उप निरीक्षकों की समीक्षा के लिए दो अलग अलग समिति गठित करने के निर्देश दिए हैं। अपर पुलिस अधीक्षकों और पुलिस उपाधीक्षकों के कार्यों की समीक्षा के लिए डीजी इंटेलीजेंस, एडीजी कानून व्यवस्था और गृह सचिव की अध्यक्षता में समिति का गठन करने के लिए कहा है।
जबकि निरीक्षक और उप निरीक्षकों की समीक्षा के लिए एडीजी कानून व्यवस्था, एडीजी स्थापना और सचिव गृह की समिति गठित की गई है। मुख्यमंत्री ने जिलों के पुलिस कप्तानों से कहा कि नाकारा, लापरवाह और रिजल्ट न दे पाने वाले पुलिस कर्मियों को थानों और सर्किल से एक सप्ताह के अंदर हटाएं।
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वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान मुख्यमंत्री ने चन्दौली, गोरखपुर, बलिया, गाजियाबाद, आगरा, हमीरपुर, हरदोई, सीतापुर के जिलाधिकारियों और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों, पुलिस अधीक्षकों से बात की।
उन्होंने मिशन शक्ति फेज तीन के तहत महिला बीट पुलिस अधिकारियों की तैनाती और उनकी कार्य प्रणाली के बारे जानकारी ली।
मुख्यमंत्री ने महिलाओं व बालिकाओं के प्रति अपराध की घटनाओं पर पूरी संवेदनशीलता के साथ कम से कम समय में कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने थानों और तहसीलों पर आने वाली शिकायतों व आईजीआरएस पर आने वाली शिकायतों का निस्तारण गुणवत्ता के साथ समय से करने के निर्देश दिए। उन्होंने अपराध के मामले में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने, पुलिस पेट्रोलिंग बढ़ाने और छोटी-छोटी घटना का संज्ञान लेते हुए कार्रवाई करने के निर्देश दिए।