वाराणसी/मेरठ। वाराणसी के स्कूल संचालक से वीडियो कॉल के जरिए घूस मांगने के आरोप में फंसे आईपीएस अनिरुद्ध सिंह (IPS Anirudha Singh) को मेरठ ग्रामीण एसपी के पद से हटा दिया गया है। उनकी जगह यह जिम्मेदारी पीपीएस कमलेश बहादुर को दी गई है। IPS अनिरुद्ध सिंह का वीडियो वायरल होने के बाद तत्कालीन डीजीपी डीएस चौहान ने मामले की जांच के आदेश दिए थे।
वाराणसी पुलिस कमिश्नर को जांच का जिम्मा सौंपा गया था। हालांकि, इस मामले में उन्होंने अपनी रिपोर्ट अभी सौंपी नहीं है। उसके पहले ही आईपीएस अनिरूद्ध सिंह को हटाया गया है। फिलहाल अनिरुद्ध सिंह को नहीं कहीं और तैनाती भी नहीं मिली है। उन्हें वेटिंग में रखा गया है।
अखिलेश के ट्वीट पर हरकत में आया शासन
सपा सुप्रीमो अखिलेेश यादव द्वारा वायरल वीडियो पर ट्वीट में भाजपा सरकार पर सवाल उठाए जाने के बाद शासन ने आईपीएस को दी गई क्लीन चिट का फिर से परीक्षण कराने का फैसला किया है।
35 सेकंड के वीडियो का यह है सारांश
वीडियो कॉल करने वाला व्यक्ति कार्यालय में कुर्सी पर बैठकर आईपीएस अनिरुद्ध कुमार से बात कर रहा है। आईपीएस कह रहे हैं कि इतना लेट मत कीजिए, आज कितना भेज रहे हैं। व्यक्ति ने कहा-10 लाख रुपये भेज रहा हूं। अधिक रुपये निकालने पर शक बढ़ जाता है। 10 लाख जब अकाउंट से निकलता है तो दिक्कत होती है। आईपीएस कहते हैं कि कम से कम 20 का इंतजाम करिए और शाम को भेजिए, बाकी का मैं तरीका बताता हूं।
अनिरुद्ध सिंह ( IPS Anirudh Singh) ने वीडियो को पर दी थी सफाई
वायरल वीडियो को लेकर अनिरुद्ध सिंह ने कहा था कि वीडियो करीब डेढ़ साल पुराना तब का है जब वो ASP चैतगंज (वाराणसी) थे। इसी दौरान सनबीम स्कूल के मालिक पर रेप का मुकदमा दर्ज हुआ था। उसके बाद ये वीडियो सामने आया था। इस पर उन्हें इंटेलिजेंस में बतौर ASP भेज दिया गया और वीडियो की जांच शुरू हुई। इसमें उन्हें क्लीन चिट मिल गई थी। इसके बाद उनकी पोस्टिंग एएसपी फतेहपुर फिर SP मेरठ ग्रामीण हुई।
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अनिरुद्ध सिंह ने कहा था कि करीब डेढ़ साल पुराने मामले में आरोपी पक्ष द्वारा लगातार इन्फ्लुएंस करने का प्रयास किया जा रहा था। उसे ट्रैप करने के लिए बातचीत की गई थी। ये सभी बातें आलाधिकारियों के संज्ञान में हैं। पुराने वीडियो को किसी ने वायरल किया।