उत्तर प्रदेश में सहारनपुर के बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के विधान पार्षद महमूद अली समेत 12 लोगों के खिलाफ बेहट कोतवाली में धोखाधड़ी की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।
जानकारी के मुताबिक 49-695 हैक्टेयर भूमि का बड़ा हिस्सा अब्दुल वहिद एजूकेशनल एंड चेरिटेबल ट्रस्ट के पास है। 8 सितंबर 2020 को अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व विनोद कुमार ने इस भूमि के 115 पट्टों का आवंटन निरस्त कर दिया था और भूमि को राजस्व अभिलेखों में दर्ज कराने का आदेश दिया था और राजस्व विभाग को उस भूमि पर कब्जा लेने के भी आदेश दिए थे।
यह मामला उनकी कोर्ट में वर्ष 2018 से विचाराधीन था लेकिन एडीएम के इस आदेश पर राजस्व परिषद ने स्थगनादेश दे दिया था। जिस वजह से राजस्व विभाग उस भूमि पर कब्जा नहीं ले पाया था। अब इस मामले में राजस्व विभाग की ओर से कानून-गो जनेश्वर प्रसाद, लेखपाल मोहम्मद शोएब, राजस्व निरीक्षक बीरबल, रजिस्ट्रार कानून-गो पवन सिंह ने पट्टे की जमीन का बैनामा करने वाले अखलाक, राशिद, अब्दुल रहमान, संजय और सुरेंद्र दो आरोपी बनाते हुए आवंटित पट्टों की भूमि खरीदने में कूटरचित दस्तावेज तैयार करने पर धोखाधड़ी और साजिश रचने का आरोप लगाया है।
जिन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। उनमें तत्कालीन एसडीएम बेहट शीतल प्रसाद गुप्ता समेत 12 लोगों का नाम भी दर्ज है। शीतल प्रसाद गुप्ता सेवानिवृत्त हो चुके हैं।
पुलिस के मुताबिक पट्टे की इस विवादित जमीन पर बसपा नेताओं महमूद अली उनके भाई इकबाल और इनके बेटे अब्दुल वहीद ने ग्लोकल यूनिवर्सिटी का निर्माण कराया हुआ है। इस यूनिवर्सिटी का संचालन इन्हीं द्वारा एजूकेशन एंड चेरिटेबल ट्रस्ट के जरिए किया जाता है। जांच में यह पाया गया है कि भूमिहीन लोगों को सरकार द्वारा आवंटित की गई इस जमीन को इन लोगों ने राजस्व विभाग से सांठगांठ करके वर्ष 2014 में सरकारी रिकार्ड में संक्रमणीय भूमिधर घोषित करा लिया था। जिन लोगों ने यह जमीन बेची है और जिन लोगों ने खरीदी है।
इन दोनों लोगों को कानूनी अधिकार नहीं था। क्योंकि यह भूमि 115 पट्टाधारकों को उपयोग के लिए आवंटित की गई थी और उसका भी समय निर्धारित था। इस सबकी अनदेखी करते हुए उन्होंने गैर कानूनी रूप से जमीन इस ट्रस्ट को बेच दी थी। एसएसपी डा. एस चनप्पा ने आज बताया कि पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और इसमें जांच कर शीघ्र ही कानूनी कार्रवाई की जाएगी।