नई दिल्ली| वाहन कलपुर्जा उद्योग के संगठन वाहन कलपुर्जा विनिर्माता संघ (एक्मा) ने हरियाणा सरकार से निजी क्षेत्र में 75 प्रतिशत नौकरियां स्थानीय लोगों के लिए आरक्षित करने के फैसले पर पुनर्विचार को कहा है। एक्मा ने कहा कि इस कदम से राज्य में कारोबार सुगमता पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।
राज्य विधानसभा ने पांच नवंबर को स्थानीय उम्मीदवारों के लिए हरियाणा राज्य रोजगार विधेयक पारित किया है। इसके तहत कारखानों और निजी क्षेत्र की अन्य नौकरियों में 75 प्रतिशत स्थानीय लोगों के लिए आरक्षित करने का फैसला किया गया है।
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एक्मा के अध्यक्ष दीपक जैन ने कहा कि कि इस तरह के प्रावधान पर पुनर्विचार की जरूरत है। उन्होंने कहा कि भारत का वाहन और कलपुर्जा उद्योग वैश्विक है और इनमें उत्पादन सिर्फ घरेलू मांग को पूरा करने के लिए ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजार के लिए भी किया जाता है।
उन्होंने कहा कि वाहन कलपुर्जा उद्योग अपने 25 प्रतिशत से अधिक के उत्पादन का निर्यात करता है। अमेरिका और यूरोप उसके प्रमुख बाजारों में है। जैन ने कहा, ”हमारे उद्योग को कुशल श्रमबल की जरूरत होती है, जो वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी उच्च-गुणवत्ता के उत्पाद का उत्पादन कर सकेंगे। हमारे क्षेत्र में नियुक्ति प्रतिभा और कौशल के आधार पर होती है, यह देखकर नहीं कि उम्मीदवार कहां का है।