नई दिल्ली। शराब की लत छुड़ाने वाली दवा डाइसलफिराम के उपयोग से सार्स- कोव-2 से निजात पाने में मदद मिल सकती है। यह जानकारी एक नए शोध में सामने आई है। रूस में नेशनल रिसर्च यूनिवर्सिटी हायर स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (एचएसई) के अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि संभावित इलाज के लिए कोरोना वायरस के संरचनामत्मक तत्वों को चुना जाना चाहिए। जिनमें विकास के दौरान परिवर्तन की संभावना कम हो।
उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं करने पर एक प्रकार (स्ट्रेन) के खिलाफ जो दवा प्रभावी होगी वह दूसरे के खिलाफ प्रभावी नहीं रह जाएगी। मेंदिलिव कम्युनिकेशंस पत्रिका में छपे अध्ययन के मुताबिक इसके लिए सार्स- कोव-2 वायरस के मुख्य प्रोटीज एम प्रो सबसे प्रभावी प्रोटीन हैं ।
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अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि उत्परिवर्तन के प्रतिरोधी होने के अलावा एम प्रो कोरोना वायरस को रोकने में भी बड़ी भूमिका निभाता है, जिसका मतलब है कि इसका अवरोध शरीर के अंदर वायरस को कमजोर करने या इसे पूरी तरह रोकने में सक्षम है। संभावित दवाओं को अमेरिकी खाद्य एवं दवा प्रशासन (एडीए) की तरफ से मंजूर दवाओं के डेटाबेस से लिया गया।
शोधकर्ताओं ने बताया कि शराब की लत छुड़ाने वाली दवा डाइसलफिराम सार्स कोव-2 से दो तरीके से लड़ता है। उन्होंने कहा कि पहला यह सह अवरोधक है और दूसरा यह कोविड-19 के लक्षणों को भी रोकता है जैसे यह घटे ग्लूटाथियोन को रोकने में काफी मदद करता है जो एक महत्वपूर्ण एंटीऑक्सीडेंट है।
अमेरिका के ह्यूस्टन शहर में एक अस्पताल के डॉक्टरों ने आरएलएफ-100 नाम की नई दवा का इस्तेमाल किया है, जिससे गंभीर रूप से बीमार कोविड-19 के वे मरीज तेजी से स्वस्थ हुए जिन्हें सांस लेने में कठिनाई की शिकायत थी। इस दवा को एविप्टाडिल नाम से भी जाना जाता है।