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शोधकर्ताओं ने डायबिटीज को बढ़ने से रोकने के लिए खोजा नया तरीका

Desk by Desk
29/07/2020
in Main Slider, ख़ास खबर, फैशन/शैली, राष्ट्रीय
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लाइफ़स्टाइल डेस्क। डायबिटीज के मरीजों के लिए एक अच्छी खबर आई है। शोधकर्ताओं ने डायबिटीज को मात देने के लिए एक नई चिकित्सीय रणनीति विकसित की है। इससे न सिर्फ मरीजों में डायबिटीज को नियंत्रित किया जा सकेगा बल्कि उसे पनपने से भी रोका जा सकेगा।

शोधकर्ताओं ने कहा, अग्नाशय की कोशिकाओं में विटामिन डी रिसेप्टर (वीडीआर) का स्तर संतुलित बनाए रखकर डायबिटीज को विकसित होने से रोका जा सकता है। साथ ही इस रोग के विकास के कारण होने वाली अग्नाशय कोशिकाओं की क्षति को भी रोका जा सकता है। बता दें कि अग्नाशय की कोशिकाएं इंसुलिन को संश्लेषित और स्रावित करती हैं।

यह अध्ययन ऑटोनोमा डी बार्सिलोना यूनिवर्सिटी में साइबर्स एरिया ऑफ डायबिटीज एंड एसोसिएटेड मेटाबॉलिक डिजीज के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया है। शोधकर्ताओं ने कहा, विटामिन डी की कमी से दोनों प्रकार के टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज के पनपने का अधिक खतरा रहता है। विटामिन डी रिसेप्टर जीन में बदलाव होने से इस बीमारी का मजबूत संबंध है। हालांकि, डायबिटीज के विकास में इस विटामिन रिसेप्टर की विशिष्ट भागीदारी का कारण अब तक पता नहीं चला है।

चूहों पर किया अध्ययन

यह नया अध्ययन चूहों पर किया गया। इसमें उनके व्यवहार का विश्लेषण करके डायबिटीज के विकास में अग्नाशय कोशिकाओं की वीडीआर द्वारा निभाई गई भूमिका को समझने का प्रयास किया गया। शोधकर्ताओं ने टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज से ग्रस्त चूहों के अग्नाशय में कम वीडीआर देखा। इसके साथ ही उन्होंने यह भी देखा कि डायबिटीज ग्रस्त चूहों की बी कोशिकाओं में वीडीआर का स्तर बढ़ाने से इस बीमारी की रोकथाम हुई।

शोधकर्ताओं ने कहा कि वीडीआर के सही स्तर डायबिटीज के खतरे को कम कर सकता है। शोधकर्ता एलबा कैसलस ने कहा, इन परिणामों से पता चलता है कि डायबिटीज को विकसित होने से रोकने और बी कोशिकाओं को क्षति से बचाने के लिए वीडीआर के स्तर को संतुलित बनाए रखना आवश्यक हो सकता है।

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