मुंबई। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के अर्थशास्त्रियों का मानना है कि रिजर्व बैंक अपनी दर कटौती चक्र के अंतिम छोर के करीब है, क्योंकि मुद्रास्फीति में मौजूदा स्तर से बहुत अधिक कमी आने की उम्मीद कम है। अर्थशास्त्रियों ने शुक्रवार को कहा ऐसे में अब अर्थव्यवस्था के पुनरोद्धार का दायित्व सरकार के पाले में पहुंच गया है।
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रिजर्व बैंक की मौद्रिक समीक्षा बैठक का ब्योरा सामने आने के एक दिन बाद एसबीआई के अर्थशास्त्रियों की यह टिप्पणी आई है। बैठक के ब्योरे के अनुसार यह साफ हो गया है कि मौद्रिक समीक्षा की पिछली बैठक में ब्याज दरों को यथावत रखने की मुख्य वजह ऊंची मुद्रास्फीति थी।
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उन्होंने संकेत दिया कि ज्यादा से ज्यादा ब्याज दरों में चौथाई प्रतिशत की और कटौती हो सकती है। उनका मानना है कि जुलाई में जो मुद्रास्फीति 6.9 प्रतिशत पर रही है, उसके नीचे आने की संभावना नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार ने जो बड़े पैमाने पर खरीद की है उससे मुद्रास्फीति के 0.35 से 0.40 प्रतिशत और ऊपर जाने का अनुमान है।