लखनऊ। मैनपुरी उपचुनाव में जिस तरीके से रिवर फ्रंट (River Front Scam) मामले में सियासत हुई, खासकर शिवपाल यादव पर रिवर फ्रंट को लेकर बीजेपी के बड़े नेताओं ने सीधा हमला बोला, माना जा रहा था कि इस मामले में कोई बड़ा एक्शन हो सकता है। अब उसी कड़ी में कदम भी बढ़ा दिए गए हैं। रिवर फ्रंट घोटाले (River Front Scam) में ठेकेदारों पर शिकंजा कस सकता है क्योंकि ईडी ने उन्हें नोटिस जारी किया है।
रिवर फ्रंट (River Front Scam) में क्या चल रही जांच?
रिवर फ्रंट घोटाले की जांच में तेजी के संकेत दिखाई देने लगे हैं। रिवर फ्रंट से जुड़े कई ठेकेदारों की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। ईडी ने रिलेशन बनाने वाले कई ठेकेदारों को नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए तलब किया है। एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट ने उस वक्त के अधीक्षण अभियंता रूप सिंह यादव के कई करीबी ठेकेदारों को नोटिस देकर पूछताछ के लिए बुलाया है, हालांकि पहले से ही रिवर फ्रंट बनाने वाले अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत को लेकर मामला दर्ज किया जा चुका था। अब इन ठेकेदारों की भूमिका सीबीआई जांच के घेरे में है।
क्या है ये पूरा मामला?
योगी सरकार बनने के बाद पहली बार 2017 नवंबर में एंटी करप्शन ब्रांच ने घोटाले की एफ आई आर दर्ज की थी और फिर इस घोटाले की जांच शुरू हुई। ईडी ने 2018 में इस मामले में जांच अपने हाथ में भी ली थी। आरोप यह है कि रिवर फ्रंट निर्माण में करीब 400 करोड़ रुपए के 600 से ज्यादा छोटे-छोटे टेंडर किए गए थे जो कि अलग-अलग ठेकेदारों को दिए गए और इसमें अनियमितताएं व नियमों की अनदेखी हुई। आरोप यह है कि मनमाने दामों पर ठेकेदारों ने निर्माण और सामान की आपूर्ति की है, साथ साथ कई मामलों में ओवर रेटिंग के मामले भी सामने आए हैं। अगर ठेकेदारों की जांच हुई तो कई बड़े नामों के लिए मुश्किलें हो सकती हैं।