बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने सीटों के तालमेल में फंस रहे पेंच को लेकर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव पर कटाक्ष करते हुए कहा कि श्री यादव विधानसभा चुनाव से पूर्व ही महागठबंधन की नैया डुबो रहे हैं।
जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि राजद और कांग्रेस के बीच दूरियां लगातार बढ़ रही हैं । दोनों के बीच सब कुछ ठीक नहीं है। पहले तो कांग्रेस ने श्री यादव को महागठबंधन का नेता मानने से इंकार कर दिया और फिर अब सीटों के तालमेल को लेकर कांग्रेस से कोई पहल होती हुई नहीं दिख रही है। राजद भी असमंजस की स्थिति में हैं। हम पार्टी के बाद रालोसपा और वीआईपी के तेवर भी तल्ख़ दिख रहे है।
घनी और आकर्षक पलको पाना अगर आपकी भी चाहत है तो जरूर पढ़े ये टिप्स……..
श्री प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस के इस ताजा रुख से राजद की मुश्किल और बढ़ रही है और जनता का मोह भी तेजस्वी यादव से भंग हो गया है । उन्होंने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में राजद एक बड़े हार की तरफ बढ़ रहा है।
जदयू प्रवक्ता ने कहा कि वहीं, दूसरी ओर बिहार का खाली खजाना और बदहाल अर्थव्यवस्था वर्ष 2005 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को विरासत में मिली थी। उस दौर से बिहार को निकालकर कामयाबी के जो परचम उनके नेतृत्व में बिहार ने लहराया है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पिछले 15 वर्षों में बिहार ने लगातार कई बार सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) दहाई अंकों में दर्ज हुई है। जीडीपी के मामले में बिहार में कई बार देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया है।
श्री प्रसाद ने कहा, “मानव विकास सूचकांक एवं राजस्व घाटे को कम करने की चुनौतियों को भी हमने बखूबी अवसर में बदला है। अब सड़कें, बिजली और सिंचाई की व्यवस्था के मामले में भी बिहार नित्य नये आयाम स्थापित कर रहा है।” उन्होंने कहा कि न्याय के साथ विकास का बिहार मॉडल अनुकरणीय है। दलितों एवं अन्य कमजोर वर्गों के लिए पिछले 15 वर्षों में हुए कार्यों ने मील का पत्थर स्थापित किया है। जिसे भी संदेह हो, जनता के बीच जाए ।