लखनऊ के वजीरगंज थाना क्षेत्र कोरोना और ब्लैक फंगस के मरीजों को लगने वाले इंजेक्शन ‘रेमडेसिविर’ और लाइपोज़ोमल एम्फोटेरिनसिन इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले पांच आरोपितों को पकड़ा है। इनमें तीन अपराधियों में से एक अपराधी राममनोहर लोहिया में डॉक्टर है जबकि दो केजीएमयू संविदाकर्मी है।
उप पुलिस आयुक्त (पश्चिम) राजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि वजीरगंज थाना प्रभारी धनंजय कुमार पाण्डेय ने एक सूचना के आधार पर रफेआम क्लब के पास से छह अभियुक्तों को पकड़ा है। पूछताछ में इन लोगों ने अपने नाम इन्दिरानगर निवासी मोहम्मद राकिब, मोहम्मद आरिफ, मोहम्मद इमरान, राजेश कुमार सिंह, डॉ. वामिक हुसैन और बलवीर सिंह बताया है। इनके पास से पुलिस को ब्लैक फंगस के रोगियों को लगने वाले 28 इंजेक्शन लाइपोज़ोमल एम्फोटेरिनसिन, कोरोना मरीजों को लगने वाला 18 रेमडेसिविर, कार और अन्य चीजें बरामद हुई है।
उप पुलिस आयुक्त ने बताया कि पकड़ा गये अभियुक्त में वामिक आरएमएल इमरजेंसी मेडिसीन विभाग में एमबीबीएस डॉक्टर है। मो. आरिफ केजीएमयू में सविंदा में वार्ड ब्वाय, मो. इमरान केजीएमयू में सविंदा पर टेक्नीशियन, बलवीर चिनहट स्थित एक अस्पताल में फार्मासिस्ट और अन्य कर्मचारी मेडिकल लाइन से जुड़े हुए हैं।
उन्होंने बताया कि सभी अभियुक्त इस माहमारी के दौरान मरीजों को मिलने वाले इंजेक्शन को महंगे दाम पर बेचते थे। इन अभियुक्तों के खिलाफ महामारी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा जा रहा हैं। पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने गिरफ्तार करने वाली टीम को 20 हजार रुपये का इनाम देने की घोषणा की है।