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500 रुपये टीबी पोषण भत्ते की योजना कागजों तक सिमटी: अजय कुमार लल्लू

लखनऊ । उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि क्षय रोग की रोकथाम में केन्द्र एवं राज्य की भाजपा सरकारें पूरी तरह विफल साबित हुयी है और टीबी के मरीजों को हर महीने इलाज के साथ पोषण के लिए दिये जाने वाले पोषण भत्ते 500 रूपये की योजना कागजों तक सिमट कर रह गयी है।

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श्री लल्लू ने बुधवार को जारी बयान में कहा कि विश्व क्षय रोग दिवस को योगी सरकार बड़े-बड़े विज्ञापनों के माध्यम से प्रचारित कर रही है जबकि केन्द्र ने 2025 तक देश को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। दूसरी ओर टीबी के मरीजों को पोषण के लिए दी जाने वाली रकम तो दूर, मरीजों को उचित इलाज भी नहीं मिल पा रहा है। यही कारण है कि देश में हर साल चार लाख से ज्यादा लोगों की मौतें टीबी से हो रही हैं।

उन्होने कहा कि यूपी की स्वास्थ्य सेवाएं पहले से ही वेंटिलेटर पर हैं। यहां अस्पतालों में ना तो डॉक्टर हैं और ना ही नर्स। टी0बी0 की दवाओं का भी पूर्णतया अभाव है जिसकी वजह से यहां के हालात और भी ज्यादा बदतर होते जा रहे हैं। देश का हर पांचवां टीबी से संक्रमित मरीज उत्तर प्रदेश से है और ये संख्या लगातार बढ़ रही है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि वर्ष 2017 में पूरे देश में 17 लाख 34 हजार 905 टीबी मरीज मिले थे जिनमें से 17 प्रतिशत सिर्फ उत्तर प्रदेश से थे। यानी दो लाख 96 हजार 910 संक्रमित मरीज उप्र से थे। वर्ष 2018 में देश में 21 लाख 1 हजार 82 मरीज मिले थे। इसके 20 फीसदी मरीज सिर्फ यूपी से थे। यूपी में 2018 में मरीजों की संख्या 4 लाख 11 हजार 6 थी। वर्ष 2019 में देश में चिन्हित मरीजों की संख्या 24 लाख 1 हजार 589 थी, जबकि यूपी में 4 लाख 87 हजार 653 मरीज मिले थे।

उन्होने कहा कि वर्ष 2020 में चिन्हित टीबी संक्रमित मरीजों की संख्या काफी गिर गई। पिछले साल देश में 18 लाख 11 हजार 105 मरीज मिले थे, जबकि यूपी में 3 लाख 68 हजार 112 मरीज मिले थे। इस साल मरीजों की संख्या गिरने का कारण कोरोना था। मरीज चिन्हित नहीं हो पाए थे जिसकी वजह से यह संख्या कम होना प्रतीत हो रही थी जबकि सच्चाई तो यह है कि टीबी के मरीजों को कोरोना के नाम पर भगवान के भरोसे छोड़ दिया गया और आज स्थिति भयावह हो चुकी है।

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