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सावन में इस दिन करें रुद्राभिषेक, जानें विधि और नियम

Rudrabhishek

Rudrabhishek

महादेव का प्रिय महीना सावन 22 जुलाई से शुरू हो चुका है और इसका समापन 19 अगस्त 2024 को होगा. इस पूरे महीने में शिव भक्तों का शिवालयों में तांता लगा रहता है. इस दौरान भक्त शिव की भक्ति में डूबे रहते हैं और मंदिरों में बम-बम के जयकारे सुनाई देते हैं. भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए भक्त कई तरह की पूजा करते हैं. धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, रुद्राभिषेक (Rudrabhishek) भगवान शिव को प्रसन्न करने का सबसे लाभदायक उपाय है.

शिवलिंग का अभिषेक करने के साथ ही सावन महीने में रुद्राभिषेक (Rudrabhishek) का खास महत्व बताया गया है. ऐसा माना जाता है कि शिवजी का रुद्राभिषेक करने से सभी ग्रह बाधाएं और परेशानियां दूर हो जाती हैं. इस बार सावन में ऐसी कई तिथियां आने वाली हैं जो रुद्रा​भिषेक के लिए शुभ फल प्रदान करेंगी. अगर आप भी किसी भी परेशानी से से जूझ रहे हैं, तो सावन के महीने में रुद्राभिषेक कर सकते हैं. ऐसी मान्यता है कि रुद्राभिषेक (Rudrabhishek) से भगवान शिव बहुत प्रसन्न होते हैं .

रुद्राभिषेक (Rudrabhishek) क्यों करते हैं?

ज्योतिष के अनुसार श्रावण मास या शिवरात्रि के दिन रुद्राभिषेक (Rudrabhishek) का महत्व और भी बढ़ जाता है. रुद्राभिषेक का अर्थ है भगवान रुद्र का अभिषेक यानी शिवलिंग पर रुद्र के मंत्रों के द्वारा अभिषेक करना. रुद्राभिषेक करने से भोलेनाथ की आसीम कृपा प्राप्त होती है और कुंडली में कालसर्प दोष भी दूर हो जाता है. इसके साथ ही, कुंडली के अन्य ग्रह भी शिवलिंग का अभिषेक करने से शांत हो जाते हैं. सावन में हर दिन शिवलिंग का जलाभिषेक या रुद्राभिषेक कर सकते हैं, लेकिन इस सावन में रुद्राभिषेक करने के लिए 7 दिन बेहद खास माने जा रहे हैं.

रुद्राभिषेक (Rudrabhishek) के लिए शिवरात्रि है खास

सावन के महीने में पड़ने वाली शिवरात्रि बेहद खास मानी गई है. इस दिन भक्त व्रत रखते हैं और विधि-विधान से पूजा करते हैं. इस दिन रुद्राभिषेक (Rudrabhishek) करना भी लाभप्रद हो सकता है. ऐसा माना जाता है ​कि सावन शिवरात्रि पर रुद्राभिषे करने से भोलेनाथ आपकी इच्छापूर्ति करते हैं. इस साल सावन शिवरात्रि 2 अगस्त 2024 को है.

नागपंचमी पर रुद्राभिषेक (Rudrabhishek) का महत्व

श्रावण मास में शिवरात्रि और सोमवार का महत्व तो है ही, वहीं नाग पंचमी के दिन भी रुद्राभिषेक का करने से शुभ फल मिलते हैं. इस दिन भी रुद्राभिषेक करना बेहद शुभ माना गया है. इस साल नागपंचमी 9 अगस्त 2024 को है.

सावन सोमवार पर करें रुद्राभिषेक (Rudrabhishek)

आप सावन के सोमवार को शिवजी की रुद्राभिषेक कर सकते हैं. इस बार सावन का दूसरा सोमवार 29 जुलाई को, सावन का तीसरा सोमवार 5 अगस्त को, सावन का चौथा 12 अगस्त को, तो वहीं सावन का आखिरी और पांचवा 19 अगस्त को है.

सावन में रुद्राभिषेक (Rudrabhishek) का महत्व

धार्मिक मान्यता है कि अगर आपके जीवन में कोई कष्ट हो या कोई मनोकामना हो, तो सावन में सच्चे मन से रुद्राभिषेक करना चाहिए. ऐसा करने से निश्चित रूप से आपको लाभ की प्राप्ति होगी. रुद्राभिषेक रोगों से भी छुटकारा दिलाता है. ऐसा माना जाता है कि रुद्राभिषेक से प्रसन्न होकर भोलेनाथ भक्त की हर इच्छा पूरा कर देते हैं. सावन में आप किसी भी दिन शिवजी का रुद्राभिषेक कर सकते हैं. लेकिन अगर आप सावन शिवरात्रि, प्रदोष या फिर सावन के सोमवार को रुद्राभिषेक करेंगे, तो जीवन में चमत्कारिक बदलाव देखने को मिलते हैं. रुद्राभिषेक करने से उत्तम फलों की प्राप्ति होती है. शास्त्रों में रुद्राभिषेक को शिव जी को प्रसन्न करने का रामबाण उपाय बताया जाता है.

रुद्राभिषेक (Rudrabhishek) के लिए सामग्री लगती है?

अगर आप घर पर रुद्राभिषेक करने वाले हैं, तो इसके लिए आपको नीचे बताई गई चीजों की जरूरत पड़ेगी.

शुद्ध जल, या गंगाजल
दूध,
दही,
चीनी पाउडर,
गन्ने का रस,
घी और शहद

रुद्राभिषेक (Rudrabhishek) करते समय सबसे पहले शुद्ध जल शिवलिंग पर चढ़ाना चाहिए. इसके बाद दूध, दही, घी और शहद को भी शिवलिंग पर अर्पित करना चाहिए. अंत में एक बार फिर शुद्ध जल शिवलिंग पर चढ़ाएं. इस तरह से रुद्राभिषेक करने से शिव कृपा प्राप्त होती है.

रुद्राभिषेक (Rudrabhishek) करने का सही तरीका

– घर पर रुद्राभिषेक (Rudrabhishek) करने के लिए शिवलिंग को उत्तर दिशा में रख दें और आपका मुख पूर्व दिशा की तरफ हो.
– रुद्राभिषेक के लिए सबसे पहले शिवलिंग पर गंगाजल डालें और रुद्राभिषेक शुरू करें.
– फिर आचमनी से गन्ने का रस, शहद, दूध, दही यानी पंचामृत से शिवलिंग का अभिषेक करें.
– अभिषेक करते समय महामृत्युंजय मंत्र, ओम नमः: शिवाय या रुद्राष्टकम मंत्र का जाप करते रहना चाहिए.
– फिर शिवलिंग पर चंदन का लेप लगाएं और पान का पत्ता, बेलपत्र आदि चीजें शिव जी को अर्पित करें.
– फिर भगवान शिव के भोग के लिए व्यंजन बनाकर रखें और उन सभी व्यंजनों को शिवलिंग पर चढ़ाएं.
– इसके बाद भगवान शिव के मंत्र का 108 बार जाप करें और फिर परिवार के साथ भगवान शिव की आरती करें.

सावन में रुद्राभिषेक (Rudrabhishek) करने के लाभ

भगवान शंकर के प्रिय माह सावन में शिवलिंग पर रुद्राभिषेक (Rudrabhishek) करने से कई परेशानियों और विपदाओं से मुक्ति मिल सकती है. अगर आपके पारिवारिक या वैवाहिक जीवन में परेशानियां चली आ रही हैं या करियर में रुकावटों का सामना कर रहे हैं या फिर सेहत से जुड़ी किसी परेशानी से जूझ रहे हैं, तो आपकी ये सभी परेशानियां रुद्राभिषेक करने से दूर हो सकती हैं. साथ ही रुद्राभिषेक करने से राहु-केतु और शनि ग्रह भी शांत हो जाते हैं और कालसर्प दोष से भी मुक्ति मिलती है. सावन में रुद्राभिषेक करने से हर प्रकार के भय से भी मुक्ति मिल जाती है.

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