मॉस्को। पहली संभावित कोरोना वैक्सीन के ट्रायल में सफलता के बाद रूस अब दूसरी कोरोना वैक्सीन बनाने में जुट गया है। TASS समाचार एजेंसी ने शुक्रवार को रूस की उपभोक्ता सुरक्षा निगरानी का हवाला देते हुए बताया कि साइबेरियन वेक्टर इंस्टीट्यूट( Siberian Vector institute) द्वारा विकसित रूस की दूसरी संभावित कोरोना वायरस वैक्सीन का इंसानों पर परीक्षण(मानव ट्रायल) किया जाएगा। इसकी शुरुआत 27 जुलाई से होगी।
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गौरतलब है कि मॉस्को में गेमालेया संस्थान द्वारा विकसित एक वैक्सीन के मानव ट्रायल का प्रारंभिक चरण इसी महीने पूरा हुआ, जो सफल रहा। रूस ने पिछले दिनों घोषणा की थी कि उसने कोरोना वैक्सीन बनाने की दिशा में मानव ट्रायल को सफलतापूर्वक पूरा किया है। रूस के वैज्ञानिकों ने इस वैक्सीन के रिजस्ट पर खुशी जताई। रूसी अधिकारियों ने इस वैक्सीन इस बड़े पैमाने पर उत्पादन की योजना बनानी शुरू कर दी है।
रूस ने कहा है कि वह इस साल घरेलू स्तर पर प्रायोगिक कोरोना वैक्सीन की तीन करोड़ खुराक का उत्पादन करने की योजना बना रहा है, जिसमें एक करोड़ 70 लाख खुराक विदेशों में निर्माण करने की क्षमता है।दुनिया भर में इस समय कोरोना वैक्सीन बनाने को लेकर होड़ मची हुई है। ब्रिटेन, चीन, अमेरिका और भारत समेत कई देश इस समय कोरोना वैक्सीन के मानव ट्रायल के अलग-अलग चरणों में हैं। लेकिन अन्य देशों की तुलना में इस दौड़ में रूस आगे निकल चुका है।
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रूसी वैज्ञानिकों ने दावा किा है कि दुनिया की पहली कोविड-19 वैक्सीन अगस्त में लॉन्चच हो जाएगी। गैमेलेई नेशनल रिसर्च सेंटर फॉर एपिडेमियोलॉजी और माइक्रोबायोलॉजी(Gameleya National Research Center for Epidemiology and Microbiology) के निदेशक अलेक्जेंडर गिंट्सबर्ग ने कहा कि दुनिया की पहली कोरोना वैक्सीन 12 से 14 अगस्त तक आम लोगों को दी जाने लगेगी। उन्होंने कहा कि निजी कंपनियों द्वारा बड़े पैमाने पर सितंबर से इसका उत्पादन शुरू होने की संभावना है।