कीव। रूस और यूक्रेन (Russia-Ukraine War) के बीच जारी जंग को पूरा डेढ़ महीना हो गया। हजारों की जान चली गई। लाखों लोग बेघर हो गए। यूक्रेन में दूर-दूर तक सिर्फ तबाही नजर आ रही है। महिलाओं-बच्चों का चीत्कार धमाकों के शोर में खोकर शांत हो जाता है। रूसी सैनिक जंग में कई खतरनाक हथियारों का इस्तेमाल कर रहे हैं। अब वे बच्चों का खून बहाने का डर दिखाकर लोगों को आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर कर रहे हैं। इसके लिए वे बच्चों के खिलौनों (Toys) और टेडी बियर (Teddy Bear) में विस्फोटक भरकर धमाके कर रहे हैं। यह दावा कीव में घायल लोगों का इलाज में कर रहे एक सर्जन ने किया है।
ब्रिटेन से डॉक्टरी की पढ़ाई पूरी करने वाले यूरोलॉजिस्ट ऑलेक्जेंडर यत्सिन पोलिश बॉर्डर से कुछ जरूरी सामान लेने आए थे। इस दौरान उन्होंने दावा किया कि रूसी सैनिक यूक्रेन के नौनिहालों पर हमला करने के लिए तैयार हैं। डेलीमेल की रिपोर्ट में यत्सिन ने दावा किया कि रूसी सैनिक साइकोलॉजिकल स्ट्रेटजी आजमा रहे हैं, वे यूक्रेन के लोगों को इमोशनली कमजोर कर उन्हें सब कुछ छोड़कर जाने के लिए मजबूर कर रहे हैं।
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डॉ. ऑलेक्जेंडर यत्सिन ने बताया कि रूसी सैनिकों ने पहले शहरों पर बमबारी की। फिर जो जहां मिला, उस पर गोली चला दी और सड़कों को लैंडमाइंस बना दिया और अब वे सबसे बर्बर तरीका अपनाने पर उतर आए हैं। पुतिन के सैनिक बच्चों के खिलौनों में विस्फोटक भरकर धमाके कर रहे हैं। अब वे परिवारों को निशाना बना रहे हैं। यूक्रेन के आम लोगों और बच्चों का कत्लेआम करने की ओर हैं।
‘अस्पताल में सुनता हूं रूह कंपाने वाली लोगों की आपबीती’
डॉ. ऑलेक्जेंडर यत्सिन कीव में युद्ध घायल हुए लोगों का इलाज करते हैं। इन दिनों उन्होंने अस्पताल को ही अपना ठिकाना बना लिया है, वे यहीं खाते हैं और यहीं सोते हैं ताकि 24 घंटे मरीजों की देखभाल कर सकें। इस दौरान वे न सिर्फ मरीजों की देखभाल करते हैं, बल्कि उनके साथ हुए हादसों की रूह कंपा देने वाली कहानियां भी सुनते हैं। घायलों की कहानियां सुनकर कई बार वे खुद भी सहम जाते हैं। डॉ. यत्सिन ने कहा कि मैं कीव में किस अस्पताल में हूं, यह नहीं बता सकता क्योंकि इससे अस्पताल टारगेट हो सकता हूं। अब रूसी सैनिक कमजोर और घायलों पर भी हमला कर रहे हैं।