नई दिल्ली। रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) के बीच रूस के विदेश मंत्री (Russian Foreign Minister) सर्गेई लावरोव भारत दौरे पर आ रहे हैं। रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव 31 मार्च से 1 अप्रैल तक दिल्ली दौरे पर रहेंगे।
दिल्ली दौरे पर रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव, भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात करेंगे। इस दौरान मुख्य जोर नई दिल्ली द्वारा मॉस्को से तेल और सैन्य उपकरण की खरीद के लिए भुगतान प्रणाली पर चर्चा होने की उम्मीद है।
रूसी विदेश मंत्री का भारत दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब यूक्रेन में जंग जारी है। इसलिए पूरी दुनिया की निगाहें इस बैठक पर रहने वाली है। खास बात यह है कि कुछ दिन पहले ही चीन के विदेश मंत्री भारत का दौरा कर चुके हैं। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने 25 मार्च को नई दिल्ली में अपने भारतीय समकक्ष विदेश मंत्री एस। जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मुलाकात की थी।
24 फरवरी को हुई थी दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की बातचीत
भारत और रूस (India Russia) के विदेश मंत्रियों ने इससे पहले 24 फरवरी को एक-दूसरे से बात की थी। इसके बाद यूक्रेन के खिलाफ जंग शुरू होने पर रूस ने मदद के लिए कई बार भारत से संपर्क साधा और भारत हर बार उसके लिए संकटमोचक बनकर सामने आया।
पिछले हफ्ते रूस के उप विदेश मंत्री आंद्रेई रुडेंको ने रूस में भारतीय राजदूत पवन कपूर से मुलाकात कर यूक्रेन की स्थिति के बारे में जानकारी दी थी। ध्यान देने वाली बात ये है कि रुडेंको उस रूसी प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हैं, जो जंग को खत्म करने के लिए यूक्रेन के साथ बातचीत में शामिल है।
रूस-यूक्रेन मसले पर भारत ने बनाई दूरी
रूस-यूक्रेन के मसले पर अब तक आए संयुक्त राष्ट्र (UN) के सभी प्रस्तावों पर चीन, रूस के समर्थन में वोटिंग करता आया है। भारत इस मसले पर तटस्थता की रणनीति को लेकर आगे बढ़ रहा है। भारत यूएन की सामान्य सभा (General Assembly) और सुरक्षा परिषद (Security Council) में हुई वोटिंग का अब तक बहिष्कार करता आया है।