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रूसी राष्‍ट्रपति Putin ने खुद ही बिल पर किए हस्‍ताक्षर, तानाशाही की आहट

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मास्‍को। रुसी राष्ट्रपति Putin ने एक विधेयक पर खुद ही हस्ताक्षर किए है, वह खुद को कानून के भी ऊपर मानने लगे हैं। रूस में राष्ट्रपति के इस कदम की काफी आलोचना हो रही है। खुद पुतिन ने रूस के पूर्व राष्‍ट्रपतियों को कार्यालय छोड़ने के बाद आजीवन मुकदमा नहीं चलाने वाले बिल पर हस्‍ताक्षर कर दिया है। इस रूसी कानून में पूर्व राष्‍ट्रपतियों को पुलिस या जांचकर्ताओं की पूछताछ, तलाशी और गिरफ्तारी से छूट दी गई है।

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यह कानून इस साल गर्मियों में स्‍वीकृत किए गए संवैधानिक संशोधनों का हिस्‍सा है जिसके तहत 68 साल के पुतिन वर्ष 2036 तक देश के राष्‍ट्रपति बने रहेंगे। इससे पहले के रूसी कानून में कहा गया था कि कार्यालय के दौरान किए गए किसी अपराध के लिए पूर्व राष्‍ट्रपतियों को मुकदमें से छूट होगी। साल 2004 में ओलिंपिक का गोल्ड मेडल जीत चुकीं अलीना बाद में गायब हो गईं। हालांकि, द इंसाइडर के मुताबिक वह आज दर्जनों गुना ज्यादा कमाई कर रही हैं।

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ऐंटी-करप्शन पब्लिकेशन के मुताबिक, ‘नैशनल मीडिया ग्रुप डायरेक्टर्स की सालाना रिपोर्ट प्रकाशित नहीं करता है। कंपनी ने कभी इस पर मीडिया के सवालों का जवाब नहीं दिया और अलीना की आय के बारे में पता नहीं चला। इस वक्त रूस के सिर्फ एक पूर्व राष्ट्रपति दमित्री मेदवेदेव जीवित हैं, जिन्हें पुतिन के साथ नए कानून का लाभ मिलेगा। मेदवेदेव वर्तमान राष्‍ट्रपति पुतिन के ही सहयोगी हैं। नए विधेयक के तहत रूस के पूर्व राष्ट्रपति के साथ-साथ उनके परिवार के लोग भी पुलिस जांच और पूछताछ के दायरे से बाहर हो गए हैं। साथ ही इन लोगों की संपत्ति भी जब्त नहीं की जा सकती।

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बता दें कि पुतिन साल 2000 से ही रूस की सत्ता में हैं। वह 68 साल के हैं और उनका चौथा कार्यकाल 2024 में पूरा हो रहा है। हालांकि संवैधानिक बदलाव के बाद वे छह साल के दो और कार्यकाल पूरा कर सकते हैं। पुतिन के हस्‍ताक्षर के साथ ही यह बिल अब कानून बन गया है। मंगलवार को प्रकाशित हुए बिल में रूस के पूर्व राष्‍ट्रपतियों और उनके परिवार को जीवनकाल के दौरान किए गए किसी अपराध के लिए मुकदमे चलाए जाने से छूट दी गई है।

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