नूंह। हरियाणा के नूंह से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक छात्र ने मदरसा (Madrasa) में नहीं पढ़ने के कारण दूसरे छात्र की हत्या कर दी। छात्र मदरसे की बजाए आम स्कूल में पढाई करना चाहता था, लेकिन परिजन उसको पढ़ाई के लिए मदरसा भेज रहे थे। दरअसल नूंह के गांव शाह चोखा में 5 सितंबर को पीर दादा शाह चौखा की मजार के पास स्थित मदरसा में पढ़ने वाले 11 साल के एक छात्र का शव मिला था। पुलिस ने अब इस हत्या का खुलासा करते हुए बताया है कि मदरसे में पढ़ने वाले दूसरे छात्र ने ही छात्र की हत्या की थी।
नूंह के एक गांव के मदरसे (Madrasa) में पढ़ने वाला 11 साल का समीर 3 सितंबर को मदरसे से गायब हो गया था। शाम 7 बजे हाजिरी लेने पर मदरसा संचालक को वह गायब मिला। समीर यहां से उर्दू और अरबी की पढ़ाई कर रहा था। काफी देर तक समीर की तलाश करने के बाद मदरसा संचालक ने उसके घर पर सूचना दी। परिजनों के तलाशने पर भी जब वह नहीं मिला तो पुलिस में शिकायत की गई।
दो दिन बाद 5 सितंबर को मदरसे (Madrasa) के बेसमेंट से बदबू आना शुरू हुई। इसके बाद जब नीचे जाकर देखा गया तो बेसमेंट में पड़ी क्रेशर के नीचे मिट्टी के अंदर उसकी लाश दबी मिली। इस कमरे की पहले भी तलाशी ली गई थी, लेकिन तब किसी को इसका आभास नहीं था।
हत्याकांड के बाद ज्यादातर अभिभावक अपने बच्चों को मदरसे से घर ले गए थे, लेकिन आरोपी छात्र के पिता उसे नहीं लेकर गए। पुलिस की जांच और लोगों से पूछताछ जारी थी। इस बीच परिजनों के 8 सितंबर को मदरसा पहुंचने पर पुलिस की पूछताछ से घबराकर आरोपी छात्र ने पिता को सब बता दिया। 9 सितंबर को उसके पिता ने सारा घटनाक्रम पुलिस को बताया। पुलिस ने छात्र से 9 और 10 सितंबर को उसके परिजनों की मौजूदगी में पूछताछ की। वह बार-बार अपने बयान बदलता रहा। छात्र से उसके पिता सामने दोबारा पूछताछ की गई तो उसने सारा राज उगल दिया।
मदरसा (Madrasa) में नहीं पढ़ना चाहता था आरोपी
आरोपी छात्र को पुलिस ने नियमों के मुताबिक अभिरक्षा में लेकर जुवेनाइल कोर्ट में पेश कर बाल सुधार गृह भेज दिया है। आरोपी छात्र मदरसा में पढ़ना नहीं चाहता था, लेकिन उसके परिजन जबरदस्ती उसे मदरसा में पढ़ाना चाहते थे। मदरसा की पढ़ाई से छुटकारा पाने के लिए उसने इस खतरनाक प्लान को अंजाम दिया।
ऑनर किलिंग में आरोपी पिता गिरफ्तार
आरोपी से 2 साल छोटा उसका जिगरी दोस्त समीर उसकी सभी बातें मानता था। आरोपी उसे बातों में उलझाकर मस्जिद के बेसमेंट में ले गया। यहां उसने समीर से मारपीट की, दीवार में उसका सिर दे मारा और गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। उसने समीर की लाश को रेत के नीचे दबा दिया। इस कमरे में कोई आता जाता नहीं था, इसलिए उसे प्लान को अंजाम देने में कोई परेशानी नहीं हुई। जुमे (शुक्रवार) को भीड़ ज्यादा होने के कारण उसने शनिवार का दिन चुना। दो दिन बाद समीर की लाश फूलने पर सारा मामला सामने आ गया।