लाइफस्टाइल डेस्क। शारदीय नवरात्र का प्रारंभ 17 अक्तूबर से होगा। मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करने के साथ ही लोग व्रत और उपवास भी रखेंगे। नौ दिनों तक लगातार फलाहार करते हुए व्रत रहना और मां की आराधना करने से देवी मां की कृपा मिलती है। लेकिन इन नौ दिनों तक लगातार व्रत करने से शरीर में कमजोरी महसूस होती है। ऐसे में जरूरी है कि सेहतमंद चीजों का सेवन किया जाए। व्रत में साबुदाने से बनीं खिचड़ी वगैरह को आसानी से खाया जा सकता है। लेकिन अगर आप कुछ ्अलग बनाने की सोच रही हैं तो साबुदाने की टिक्की ट्राई कर सकती हैं। ये खाने में स्वादिष्ट होने के साथ ही भूख को भी कम करने में मदद करेगी। तो चलिए जानें कैसे बनेगी साबुदाने की टिक्की।
बहुत सारे लोगों को लगता है कि साबुदाने का कटलेट बनाने में ये बहुत सारा तेल सोख लेगा। लेकिन अगर इसे टिक्की की तरह सेंक कर बनाया जाए तो कम तेल भी हेल्दी नाश्ता तैयार किया जा सकता है। कटलेट बनाने के लिए एक कप भीगा हुआ साबुदाना, सिंघाड़े का आटा लेना जरूरी है। बहुत सारे लोगों से साबुदाने की टिक्की बनाते समय ये चिपकती है। तो इस विधि से बनाने पर ये नहीं चिपकेगी।
इसके साथ ही भुनी हुई मूंगफली को बारीक पीस लें। चार उबले आलू, सेंधा नमक स्वादानुसार, चार हरी मिर्च, नींबू, जीरा पाउडर चुटकी भर, तलने के लिए तेल॰ काली मिर्च, हरी धनिया, दही सौ ग्राम
बनाने की विधि
सबसे पहने साबुदाने को रातभर पानी में भिगोकर रख दें। सुबह कटोरे में इसे निकालकर अलग रख लें। इसमें उबले हुए आलू और साथ में जीरा पाउडर. बारीक कटी हरी धनिया, हरी मिर्ची, सेंधा नमक डालकर अच्छे से मिक्स कर लें। अब इस मिक्सचर में दो चम्मच सिंघाड़े का आटा, मूंगफली का आटा मिला दें। साथ ही नींबू का रस, काली मिर्ची मिलाकर कटलेट के शेप में हाथों से बना लें।
एक पैन में थोड़ा सा तेल डालकर गर्म करें। अब इसमें बने हुए कटलेट को डालकर हल्की आंच पर सुनहरा होने तक भूनें। जब ये दोनों तरफ से अच्छी तरह से सिंक जाएं तो इन्हें टिश्यू पेपर पर निकालकर रख दें। इससे कटलेट में लगा अतिरिक्त तेल पेपर सोख लेगा। इसके बाद नाश्ते में इसे गर्मागर्म दही या चटनी के साथ सर्व करें।